Reliance Foundation ने ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा’ पर दो दिवसीय सम्मेलन किया
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Reliance Foundation ने ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा’ पर दो दिवसीय सम्मेलन किया

Reliance Foundation  मुंबई। Reliance Foundation ने मुंबई में ‘बिल्डिंग फ्लोरिशिंग फ्यूचर्स’ नाम से आयजित दो दिवसीय सम्मेलन में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 200 से अधिक विशेषज्ञों ने ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा’ क्षेत्र से जुड़े, देश-विदेश के इन विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने ‘खेल-आधारित शिक्षा’ पर अपने अनुभव साझा किए।

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रिलायंस फाउंडेशन ने बुधवार को यह विज्ञप्ति जारी की। यह सम्मेलन मुंबई के धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल (डीएआईएस) में आयोजित किया गया था। इस दो दिवसीय सम्मेलन में माता-पिता, शिक्षकों और समुदायों के विकास के लिए नई कार्यशैलियों और दृष्टिकोणों पर विस्तृत चर्चा की गई। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा’ को लोकप्रिय बनाने और जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसी दिशा में वक्ताओं और प्रतिभागियों के लिए 10 मास्टरक्लास, 15 इंटरैक्टिव लर्निंग स्टेशन और 30 स्पीकर सत्रों का आयोजन किया गया।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की निदेशक और धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की वाइस चेयरपर्सन सुश्री ईशा अंबानी ने सम्मेलन के सत्रों में गहरी रूचि दिखाई। कई विषयों पर उन्होंने विशेषज्ञों के साथ चर्चा की और विभिन्न लर्निंग स्टेशनों पर प्रतिभागियों के साथ हिस्सा लिया।

मेघालय सरकार के मुख्य सचिव एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संपत कुमार, द लर्निंग स्क्वायर की सुश्री ऐनी वैन डैम, उम्मीद चाइल्ड डेवलेपमेंट सेंटर की डॉ. विभा कृष्णमूर्ति, यूनिसेफ से सुश्री सुनीशा आहूजा और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में एनआईपीसीसीडी की ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. रीता पटनायक मुख्य वक्ताओं में शामिल रहे।

सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. महेश बालसेकर, धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल के डीन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिमन्यु बसु और रिलायंस फाउंडेशन में एजुकेशन प्रमुख डॉ निलय रंजन जैसे विशेषज्ञों ने भी अपने अनुभव साझा किए।

दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, नीति निर्माताओं और परोपकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने नए विचारों और कार्यशैलियों पर चर्चा की। उन्होंने एनिमेटेड खेल-आधारित शिक्षा प्रदर्शनियों में भाग लिया। नीतियों और व्यवहार की बारीकियों पर गौर किया। साथ ही उन्होंने समग्र प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा की दिशा में देखभाल और क्रॉस-लर्निंग के लिए रणनीतियों पर चर्चा भी की।

रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन श्रीमती नीता अंबानी के ‘हैप्पी स्कूल, हैप्पी लर्नर्स’ विज़न से प्रेरित होकर रिलायंस फाउंडेशन स्कूलों और धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षक सीखने और सिखाने के लिए प्रेरक माहौल बनाते हैं। जो बेहतरीन भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय ‘अर्ली चाइल्डहुड लर्निंग प्रैक्टिस’ से प्रभावित होता है। अपने अनुभव के आधार पर रिलायंस फाउंडेशन का दृष्टिकोण पूरे भारत में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा परिदृश्य को बदलने में मदद करना है। विशेष रूप से कम आय वाले और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के बच्चों को खेल-आधारित शिक्षा देने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमताओं को बढ़ा कर यह किया जा रहा है।

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