Electricity rates are going to increase in UP: उत्तर प्रदेश वालों को बिजली का झटका लग सकता है। दरअसल, ग्रामीण उपभोक्ताओं की बिजली दर 45 फीसदी और शहरी उपभोक्ताओं की 40 फीसदी बढाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इसके लिए पांवर कार्पोरेशन ने नियामक आयोग में संशोधित प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। आगामी 7 जुलाई से बिजली दर निर्धारण के लिए सुनवाई की तिथि तय है। विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रस्ताव असांविधानिक बताते हुए नियामक आयोग से इसे खारिज करने की मांग की है।
बिजली कंपनियों 9,200 करोड़ का घाटा
बता दें कि पावर कार्पोरेशन ने बिजली कंपनियों की ओर से मई माह के पहले सप्ताह में वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) दाखिल किया। 19 मई को बिजली कंपनियों का घाटा 9,200 करोड़ से बढ़ाकर 19,600 करोड़ रुपये दिखाते हुए 30 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया। एक बार फिर शुक्रवार को गुपचुप तरीके से पावर कार्पोरेशन ने नियामक आयोग में संशोधित प्रस्ताव दे दिया है।
ये है नया प्रस्ताव
प्रस्ताव में श्रेणीवार दरें बढ़ाने की मांग की गई है, जिसमें ग्रामीण घरेलू दरों में 40 से 45 प्रतिशत और शहरी घरेलू शहरी दरों में 35 से 40 प्रतिशत वृद्धि प्रस्तावित की गई है। इसी तरह अन्य श्रेणी में भी बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है। नियामक आयोग ने पावर कार्पोरेशन का प्रस्ताव स्वीकार किया तो उपभोक्ताओं की जेब कटनी तय है।