Metro Hospital: ऐसे बढ जाता है अस्थमा और सांस बीमारी
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Metro Hospital: ऐसे बढ जाता है अस्थमा और सांस बीमारी

Metro Hospital: वायु प्रदूषण बढ़ाने में धूल भी एक प्रमुख कारण। इन दिनों कई मरीज तो ऐसे हैं जो लगातार वायु प्रदूषण की चपेट में आकर दमा के मरीज हो रहे हैं। उन्हें लगातार इन्हेलर लेना पड़ रहा है। अस्थमा के मरीजों को धूल आदि से बचाव के लिए सावधानी बरतनी होगी। मेट्रो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट रेस्पिरेटरी मेडिसिन डॉ दीपक प्रजापत का कहना है कि अस्थमा एवं दमा फेफड़ों की बीमारी है। इससे पीड़ित मरीज को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दबाव और खांसी आदि आने लगती है। ये सारी समस्याएं श्वसन नलियों में रुकावट के कारण होती है।

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Metro Hospital: हवा में उड़ रही धूल सांस का रोगी बना सकती है। बच्चों और बुजुर्गों में यह परेशानी ज्यादा हो रही है। शहर में ट्रैफिक एवं छोटे-छोटे उद्योगों से धुआं सहित कई रसायनिक गैसें पहले से ही भारी मात्रा में निकल रही हैं। इससे अस्थमा, हार्ट अटैक, सीने में इंफेक्शन जैसी बीमारियां पहले से ही हो रही हैं, उस पर सड़कों की खोदाई से उड़ रही धूल और मुसीबत बन रही है। इसकी चपेट में सबसे अधिक बच्चे और बुजुर्ग आ रहे हैं। वायु में कार्बन मोनाडाई ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड, नाईट्रस ऑक्साइड सहित कई खतरनाक गैसें निकल रही हैं। यह सांस के जरिए हवा में प्रवेश कर फेफड़े तक पहुंच जाती हैं। चूंकि यह गैसें ऑक्सीजन से ज्यादा हल्की होती हैं। इसके चलते फेफड़े में जल्दी ही समाहित हो जाते हैं।

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Metro Hospital: इससे फेफड़े को ऑक्सीजन की जगह दूसरी गैसें मिलती हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने के साथ कई दूसरी परेशानियां पैदा होने लगती है। फेफड़ा रक्त को पूरी तरह से साफ नहीं कर पाता है। धूल के कण श्वांस नलियों के रास्ते से पहुंचकर भारी पन तो लाते हैं। फेफड़े को भी जाम करते हैं। इससे लोगों को सांस संबंधी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। श्वांस नलियों के जाम होने से लोगों को सांस संबंधी परेशानियां भी शुरू हो रही हैं। बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने से वह सांस की चपेट में जल्दी आ रहे हैं। इससे बचने के लिए लोगों को मुंह पर कपड़े लगाना बेहतर होगा। धूल अस्थमा रोगियों के लिए खतरनाक है। एलर्जी व सांस के रोग धूल से होते हैं। जरूरी न हो तो घर से बाहर निकलने से बचें।बहुत तेजी से सांस लेना और छाती में दर्द होना।

यह हो सकती है परेशानी:

-खांसी और जुकाम
-गले में खराश और सूजन होना
-गले की नली में सिकुड़न और दर्द
-सोने में परेशानी होना या गले से घरघराहट की आवाज आना

ये बरतें सावधानियां

-घर की नियमित तौर पर सफाई करें।
-घर से बाहर निकलते समय मास्क और कपड़ा मुंह पर जरूर लगाएं।
-घर में सीलन और पानी लगने की समस्या न होने दें। गंध के कारण भी एलर्जी बढ़ सकती है।
-अपनी डाइट में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करें जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत हो सके।

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