भाकियू और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच बैठक
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भाकियू और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच बैठक

किसानों की मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। ग्रेनो प्राधिकरण के सभागार में चली वार्ता में प्राधिकरण की ओर से एसीईओ दीपचंद, प्रेरणा शर्मा, अमनदीप ढुल्ली, डिप्टी कलेक्टर जितेंद्र गौतम, ओएसडी रजनीकांत, सतीश कुशवाहा,जीएम प्रोजेक्ट सलिल यादव सहित लैंड, प्रोजेक्ट, प्लानिंग, इलेक्ट्रिक आदि विभागों के लगभग 25 वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा सभी किसानों को 64.7% मुआवजा, 10 परसेंट किसान कोटे के प्लाट तुरंत दिए जाए। साथ ही किसानों की बैकलीज कराई जाए। जब तक किसानों की आबादियों का निस्तारण नहीं होगा तब तक किसी भी किसान की आबादी को नहीं तोड़ा जाएगा। किसानों को महीने में एक दिन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ वार्ता एवं समस्याओं का समाधान के लिए समय दिया जाए।
जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण हुई है। उन किसानों के बच्चों को पहले नक्शा 11 के आधार पर रोजगार की प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समस्त गौतम बुद्ध नगर के निवासियों को भी रोजगार मेला लगाकर रोजगार दिलाया जाए। जिससे गौतमबुद्धनगर के युवा गलत संगत में न पड़े। जिससे अपने भविष्य को संवारने के साथ ही अपने परिवार का भरण पोषण एवं बच्चों को शिक्षित कर सके। इस मौके पर पवन खटाना, राजीव मलिक, अनित कसाना, परविंदर अवाना, सुनील प्रधान, चंद्रपाल सिंह, महेश खटाना, एडवोकेट प्रमोद वर्मा, इंद्रीश चेची, फिरेराम तोंगड़, प्रमोद टाइगर,रविंद्र भाटी, बेगराज प्रधान संजू मोरना योगेश शर्मा अजीत गैराठी श्रीचंद तवर अमित डेढा संदीप खटाना नवनीत खटाना योगेश भाटी महेश खटाना विपिन तवर अजी पाल नंबरदार सिंह राज आदि सहित लगभग 4 दर्जन वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी वार्ता में उपस्थित रहे।
प्राधिकरण करेगा समस्याओं का निस्तारण: एसीईओ
प्राधिकरण के एसीईओ दीपचंद ने कहा आपकी समस्याओं का निस्तारण जल्द किया जाएगा। आबादी एवं 64.7% मुआवजा और 10 प्रतिशत किसान कोटे के प्लाट के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा और जल्द ही एक रोजगार मेला लगाया जाएगा। जिन किसानों की जमीन प्राधिकरण ने ली है। पहले प्राथमिकता उन्हीं के बच्चों को दी जाएगी। किसानों की समस्याओं के लिए महीने में एक दिन सभी अधिकारियों के साथ किसानों की समस्याएं सुनी जाएंगी और अगले महीने तक उन समस्याओं का समाधान भी अगली मीटिंग तक किया जाएगा।

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