Madhya Pradesh: बेफिक्र अंदाज में शिवराज, भाजपा के लिए सीएम बनाना होगी मजबूरी
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Madhya Pradesh: बेफिक्र अंदाज में शिवराज, भाजपा के लिए सीएम बनाना होगी मजबूरी

Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में सीएम कौन होगा फिलहाल तय नही है। 72 घंटे बाद भी पूरे मध्य प्रदेश में एक ही सवाल गूंज रहा है कि शिवराज सिंह चौहान फिर राज्य के सीएम बनेंगे या कोई नया नेता सत्ता पर काबिज होगा। इसके अलावा भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कोई नया नाम सामने करेगा? 5 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए फेरबदल होगा भी या नहीं? तमाम दावेदारों के बीच शिवराज सिंह चौहान बेफिक्र अंदाज में दिखाई दे रहे हैं। एक अनुभवी राजनीतिज्ञ की तरह चैहान चुनाव जीतने के बाद वैसी ही बातें और काम कर रहे हैं जो राजनीतिक रूप से दुरूस्त हैं। वे बार बार बोल रहे हैं कि मैं अभी दिल्ली नहीं जा रहा हूं। शिवराज सिंह चौहान कहते है कि वो पहले छिंदवाड़ा का दौरा करेंगे। जहां भाजपा सभी सात सीटें जीत नहीं पाई है। मेरा सिर्फ एक संकल्प है, भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश में सभी 29 सीटों पर जीत दिलाना, प्रधानमंत्री मोदी को मध्य प्रदेश से 29 कमल के फूल की माला मिलनी चाहिए।

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सीएम आज यानी बुधवार को छिंदवाड़ा भी पहुंचे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया। लोकसभा में प्रचंड विजय का संकल्प भी दिलाया। चुनावी जीत के बाद शिवराज से जब पूछा गया तो उन्होंने इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन-कार्यकर्ताओं को दिया। इतना ही नहीं, सीएम को लेकर भी स्पष्ट किया और कहा, बीजेपी में यह हाईकमान तय करता है। हम लोग सिर्फ एक ही लक्ष्य के लिए काम करते हैं और वो है चुनाव में पार्टी को जीत दिलाना। शिवराज का कहना है कि मैं न पहले सीएम पद का दावेदार था, न अब हूं। पार्टी जो कहेगी, वो करूंगा।

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लाडली बहना या मोदी जादू से जीते एमपी
शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना स्कीम ने भाजपा को आगे पहुंचा है या फिर मोदी जादू चला हैं इस पर बहस छिड़ गई है। शिवराज चैहान जीत के बाद भी न तो विधायकों को मिलने बुला रहे हैं, न ही कोई डिनर दे रहे हैं। न कोई लामबंदी किए जाने की खबरें आ रही हैं। बयानबाजी के इतर वे आम गृहस्थ की तरह परिवार के साथ डिनर के लिए बाहर निकलते हैं। छोले भटूरे खाते हैं। आस पास मौजूद लोगों से मिलते हैं। सोशल मीडिया पर लिखते हैं, श्जीवन में भागदौड़ बहुत है, लेकिन जब भी वक्त मिले तो परिवार के साथ कुछ लम्हों को, यादों को जरूर सहेजें… ये वो अनमोल मोती हैं, जो जीवन को उजाले से भर देते हैं।

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