Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के पांच चरण संपन्न हो चुके हैं। अब राजनीतिक पंडित गुणा भाग लगा रहे हैं कि 4 जून को क्या होने वाला है। दरअसल उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं इसलिए सबसे ज्यादा ध्यान इसी प्रदेश पर सभी पार्टियां लगा रही है। एनडीए ओर इंडिया गठबंधन के बीच यूपी में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है। एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है जबकि इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस। जिस तरह से राहुल गाँधी और अखिलेश यादव की जनसभाओं में भीड़ जुट रही है। उससे इशारा हो रहा है कि वोटर्स किस ओर जा रहा है। अब एनडीए-इंडिया गठबंधन के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। यूपी में साइकिल दौड़ रही है तो हाथी सुस्त दिख रहा है। आइए बताते हैं कि बीते दिन यूपी की अलग अलग नौ सीटों पर हुए मतदान से क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है।
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लखनऊ में लगेगी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह हैट्रिक
शुरूआत प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करते है। इस सीट से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तीसरी बार चुनावी मैदान में है। उनकी हैट्रिक रोकने के लिए इंडिया गठबंधन की और से सपा के रविदास मेहरोत्रा मैदान में है। बता दें कि पिछले चुनाव में राजनाथ ने बहुत मार्जिन से जीत हासिल की थी। इस बार सारा संघर्ष मार्जिन कम करने का ही नजर आया। बताया जा रहा है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में साइकिल का पहिया तेज घूमा लेकिन राजनाथ के चाहने वालों की कमी भी नही है। भाजपा का जातिगत समीकरण यहां बाकी सभी दलों के लिए कड़ी चुनौती ही दिखा। इस सीट से बसपा यानी हाथी की चाल इस सीट पर धीमी दिख रही है। बसपा उम्मीदवार सरवर मलिक अपना स्थान बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे।
मोहनलालगंज में कड़ी टक्कर
मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर इस बार चक्रव्यूह कुछ अलग ही दिखा है। भाजपा से कौशल किशोर हैट्रिक लगाने के लिए मशक्कत करते दिखे। सपा के आरके चैधरी के साथ उनका सीधा मुकाबला नजर आया। स्थानीय विरोध एवं मुद्दों का यहां कई क्षेत्रों में असर दिखा। बसपा यहां पिछले चार चुनावों में दूसरे नंबर पर रही है, इस बार भी बसपा के उम्मीदवार राजेश कुमार जूझते नजर आए।
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फतेहपुर में सपाई-भाजपाई आमने सामने
भाजपा उम्मीदवार साध्वी निरंजन ज्योति और सपा के उम्मीदवार नरेश उत्तम पटेल में कड़ी टक्कर दिखी। जहानाबाद के सराय होली बूथ पर भाजपा और सपा समर्थकों में झड़प हो गई। पुलिस ने लाठी भांजकर तितर-बितर किया। निषाद बहुल गंगा और यमुना कटरी क्षेत्र में स्वजातीय भाजपा प्रत्याशी पर वोट बरसे, वहीं कुर्मी बिरादरी सपा प्रत्याशी के साथ लामबंद दिखी।
रायबरेली सोनिया की भावुक अपील आ सकती है काम
गांधी परिवार की पारंपरिक सीट पर राहुल के चुनावी मैदान में उतरने से पूरे परिवार की सक्रियता दिखाई दी। इसके अलावा मंच से सोनिया गांधी की भावुक अपील का असर मतदान वाले दिन भी दिखा। यहां की पांच विधानसभा में से तीन में कांग्रेस काफी मजबूत दिखी, वहीं दो विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा आगे रह सकती है। कांटे की टक्कर के बीच शाम तक रोमांच बरकरार रहा। राहुल गांधी कई बूथों पर घूम घूम कर जायजा लेते दिखे। बसपा के परंपरागत वोटर को छोड़कर ठाकुर प्रसाद यादव का कहीं खास प्रभाव नहीं नजर आया।
अमेठी में भी कड़ी टक्कर
अमेठी में भाजपा सांसद स्मृति जूबिन इरानी और कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है। यहां हार-जीत का अंतर इस बार मामूली ही रहेगा। बसपा उम्मीदवार नन्हे सिंह चैहान का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। स्मृति जूबिन इरानी को यहां से इस बार मुश्किल हो सकती हैं।
जालौनः भाजपा के वोटों में इस बार सपा ने लगाई सेंध
जालौन में भाजपा के सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री भानुप्रताप वर्मा की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। यहां सपा गठबंधन प्रत्याशी नारायणदास अहिरवार उन्हें सीधी टक्कर दे रहे है। बसपा प्रत्याशी सुरेश चंद्र गौतम अनुसूचित जाति बहुल सीट होने के बावजूद टक्कर देते नजर नहीं आए। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले शहरी इलाकों में भी इस बार इंडिया गठबंधन टक्कर देता नजर आया।
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बराबंकीः बसपा के वोट बैंक में बिखराव से टक्कर में आ गई भाजपा-कांग्रेस
सांसद वीडियो प्रकरण से चर्चा में आई सुरक्षित संसदीय सीट पर भाजपा की राजरानी रावत व कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया के बीच सीधा मुकाबला रहा। बसपा प्रत्याशी शिव कुमार दोहरे के आधार वोटरों में ही बिखराव दिखा। इसका सीधा लाभ कांग्रेस को होता दिखा।
फैजाबादः राम का भरोसा
राममंदिर निर्माण और प्राण-प्रतिष्ठा के बाद हुए चुनाव में भाजपा से लल्लू सिंह हैट्रिक लगाने का दावा कर रहे हैं। उनसे मुकाबिल गठबंधन प्रत्याशी सपा के अवधेश प्रसाद रहे। जातीय समीकरणों से मुकाबला रोचक रहा। मतदान के दौरान भी रोमांच बरकरार रहा। बसपा से पहली बार मैदान में उतरे सच्चिदानंद पांडेय जातीय और आधार मतदाताओं को साधने की कोशिश तो करते रहे।
बांदा सीट पर ब्राह्मण फैक्टर का असर
इस सीट पर भी सीधी लड़ाई भाजपा के आरके पटेल और इंडी गठबंधन की प्रत्याशी कृष्णा पटेल के बीच दिखाई दी। इस बार ब्राह्मण फैक्टर ज्यादा असर डालता दिखा। माना जा रहा था कि बसपा से मयंक द्विवेदी के मैदान में होने से ब्राह्मण मतदाताओं का रुझान उनकी तरफ दिख सकता है, पर ऐसा हुआ नहीं।
कौशांबीः भाजपा-सपा उम्मीदवार सीधी टक्कर
यह सुरक्षित सीट है यहां पर भाजपा के विनोद सोनकर व सपा के पुष्पेंद्र सरोज के बीच कड़ा मुकाबला दिखा। मतदान में जातिवाद का मुद्दा हावी रहा। यादव, मुस्लिम और पासी के गठजोड़ से साइकिल रफ्तार भरती दिखी। उधर, कुंडा-बाबागंज विधानसभा क्षेत्र में राजा भैया के समर्थकों का झुकाव सपा की ओर दिखा।
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झांसीः भाजपा के मजबूत क्षेत्रों में भी शक
भाजपा उम्मीदवार अनुराग शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप जैन आदित्य में सीधे मुकाबला दिखाई दिया। भाजपा के मजबूत इलाकों में जहां शाम तक रौनक दिखाई दी, वहीं मुस्लिम मतदाता भी मतदान को लेकर जागरूक नजर आए। बसपा प्रत्याशी रवि प्रकाश कुशवाहा के समर्थकों के बस्ते भी कुछ मतदान केंद्रों के आसपास दिखाई दिए। दलितों के इलाकों में भी भाजपा और कांग्रेस के बस्तों पर भीड़ दिखाई दी।
हमीरपुरः दलित मतदाताओं का रूख किस ओर
इस लोकसभा सीट पर सपा के अजेंद्र सिंह लोधी और भाजपा के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल के बीच सीधी टक्कर है। भाजपा का परंपरागत लोधी वोट इस बार खिसकता दिखा। वहीं, बसपा का काडर वोटर का भी रुख सपा और भाजपा की ओर दिखा।
कैसरगंज में भी भाजपा को मिली चुनौती
महिला रेसलरों के साथ हुए विवाद के बाद सांसद बृजभूषण पर आरोप तय होने और फिर उनके बेटे करण भूषण को टिकट देने से कैसरगंज लोकसभा सीट पर सुबह से ही गजब का उत्साह दिखा। शाम तक यहां मतदान का सिलसिला बरकरार रहा। भाजपा की सपा-कांग्रेस गठबंधन के भगतराम मिश्र से सीधी लड़ाई दिखी।
गोंडा में भितरघात बढा रही उम्मीदवारों की धड़कनें
भाजपा व सपा में सीधी टक्कर रही। सपा की श्रेया वर्मा और भाजपा के कीर्तिवर्धन सिंह अंतिम समय तक माहौल बनाने में जुटे रहे। इसका असर भी दिखा। हालांकि भितरघात ने सबकी चिंता बढ़ाए रखी। बसपा के सौरभ यहां अपने काडर वोट को संभालने में जुटे रहे। इसके बाद भी भाजपा व सपा ने दलितों में अच्छी खासी सेंध लगाई।