यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आजकल कॉलोनाइजर सक्रिय हो गए हैं। लगातार अलग-अलग गांव में खेत खरीदने के बाद कॉलोनाइजर कॉलोनियां काट रहे हैं। गांव रामपुर बांगर रोड पर यह कारोबार बड़ी तादाद में फल फूल रहा है। इसके अलावा स्पोर्ट्स सिटी के पास बन रही विवो कंपनी और प्राधिकरण के नक्शे के हिसाब से सेक्टर 24 में लगातार कॉलोनाइजर बैड़ी-बड़ी बाउंड्री बनाकर अंदर सड़क लाइट की व्यवस्था दिखाकर लोगों को जमीन बेच रहे हैं।
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ऐसे हो रहा है खेल
यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र यानी जहां-जहां प्राधिकरण को डेवलपमेंट करना है या सेक्टर बसाने हैं, उन सभी स्थानों पर जिन किसानों ने प्राधिकरण से मुआवजा नहीं लिया है। वह अपनी जमीन को काॅलोंनाइजरों को बेच रहे हैं। कुछ ऐसे कॉलोनाइजर हैं जो किसानों के साथ मिलकर ही कालोनियां काट रहे हैं। गांव कादलपुर व आसपास के इलाकों में बड़े स्तर पर कालोनिया काटी जा रही हैं। बताया जाता है कि पहले कॉलोनाइजर यहां आकर जमीन खरीदते हैं, उसके बाद खेतों की बाउंड्री कर लेते हैं।
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फिर शुरू होता है इस जमीन को आबादी में दर्ज कराने का खेल। 10-10 बीघे के खेत में केवल एक छोटा सा कमरा बना कर जिला प्रशासन को प्रस्तुत किया जाता ह, कि यह आबादी है। यदि आबादी में दर्ज होने की फाइल जिले से रिजेक्ट हो जाती है तो इलाहाबाद रेवेन्यू कोर्ट जाकर कॉलोनाइजर अपने हक में फैसला करा लेते हैं। ऐसे में प्राधिकरण को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। प्राधिकरण लगातार अलग-अलग सेक्टरों में भूखंडों की स्कीम निकालकर बेच रहा है। लेकिन जमीन हाथ में नहीं होगी तो आवंटियों को भूखंड कहां पर दिए जाएंगे। समय रहते कार्यवाही नहीं होने के चलते कल नजरों के हाथों भोली भाली जनता भी ठगी जा रही है। जरूरत है कि प्राधिकरण इस संबंध में अहम कदम उठाए, ताकि लोग अपने खून पसीने की कमाई गलत प्रॉपर्टी में ना लगाएं।