G-20 Summit दुनिया के विकास में भारत की ऊर्जा सुरक्षा अहमः पीएम
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G-20 Summit दुनिया के विकास में भारत की ऊर्जा सुरक्षा अहमः पीएम

इंडोनेशिया के बाली में चल रहे जी20 शिखर सम्मेलन का आगाज हो गया है। इस मौके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधिन में कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा दुनिया के विकास के लिए बहुत अहम है। भारत दुनिया की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थोंमें से एक है।जी20 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण और यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में तबाही मची है। फूड एनर्जी और सिक्योरिटी सत्र में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना और यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में सप्लाई की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। इन दोनों समस्याओं के कारण दुनिया भर में तबाही मची है।उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाएं भी इन परेशानियों से बचाने में विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए जरुरी है कि सभी को मिलकर यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए रास्ता निकाला जाना चाहिए। पीएम ने कहा कि मैंने हमेशा यूक्रेन में युद्ध विराम का समर्थन किया है। इस मुद्दे पर कूटनीति के रास्ते पर लौटकर मध्य का रास्ता खोजने की जरुरत है। उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि इस युद्ध के कारण दुनिया तबाह हुई थी। उस युद्ध के कोरहाम का असर आज भी दुनिया में देखने को मिलता है। इतना जरूर है कि उस समय नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाकर युद्ध को खत्म किया था। आज के समय में भी वही करना अहम कदम साबित होगा। इसलिए भारत लगातार युक्रेन में हो रहे युद्ध का दूर दूर तक पक्षधर नही है।
जी 20 देश कौन है और इसका गठन
जी 20 समूह के 20 सदस्य देश हैं जिसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका। स्पेन एक स्थायी अतिथि है जो, हर वर्ष आमंत्रित होता है।

जी20 समिट में प्रतिनिधि के तौर पर 19 देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और एक यूरोपीय संघ शामिल होता है। नेताओं के शिखर सम्मेलन में, 19 देशों के नेताओं और यूरोपीय संघ के नेता शामिल होते हैं और मंत्री स्तर की बैठकों में, 19 देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक गवर्नर और यूरोपीय संघ के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल होते हैं।

 

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