नोएडा में अधूरी परियोजनाएंः भंगेल एलिवेटेड रोड और प्राधिकरण के नए दफ्तर के निर्माण में लगातार देरी, जानें वजह

Incomplete projects in Noida: नोएडा प्राधिकरण की दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं लगातार अपनी अपनी निर्धारित तिथि को क्रॉस कर चुकी है। भंगेल एलिवेटेड रोड और प्राधिकरण का नया प्रशासनिक भवन, लगातार देरी का सामना कर रही हैं, जिससे जनता को भारी असुविधा हो रही है। एलिवेटेड को लेकर तो कई सेक्टरों के लोग परेशान है। इन परियोजनाओं के पूरा होने की तय समय-सीमाएं कई बार पार हो चुकी हैं, और अब नई समय-सीमाएं निर्धारित की गई हैं।
भंगेल एलिवेटेड रोड से जाम में राहत की उम्मीद धूमिल दादरी-सूरजपुर-छलेरा (डीएससी) रोड पर बन रहा भंगेल एलिवेटेड रोड, जो बरौला, भंगेल और सलारपुर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बनाया जा रहा है, अपने निर्धारित समय से काफी पीछे चल रहा है। इस 4.5 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड का निर्माण जून 2020 में शुरू हुआ था और इसे दिसंबर 2021 तक पूरा होना था। हालांकि, निर्माण के दौरान कई बाधाएं आईं, जिनमें बजट की कमी और मार्ग में आने वाली कुछ इमारतों के कारण डिजाइन में बदलाव शामिल हैं।
लागत में बढोतरी बनी देरी का करण
बता दें कि शुरुआत में 468 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना, संशोधित होकर 608 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। मई 2025 के अंत तक इसके शुरू होने के दावे किए गए थे, लेकिन अब यह जुलाई या अगस्त 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने हाल ही में निर्देश दिए हैं कि भंगेल एलिवेटेड रोड का काम 30 जून 2025 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। हालांकि, यह देखना होगा कि इस नई समय-सीमा का पालन हो पाता है या नहीं। इस एलिवेटेड रोड के निर्माण में देरी से प्रतिदिन हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही है, जो इस मार्ग से गुजरते हैं। जाम की समस्या बरकरार है, जिससे समय और ईंधन दोनों का नुकसान हो रहा है। नोएडा प्राधिकरण का नया दफ्तररू घटिया काम और बजट कटौती बनी बाधा नोएडा प्राधिकरण के नए प्रशासनिक भवन का निर्माण भी अनिश्चितताओं के भंवर में फंसा हुआ है। इस भवन का निर्माण 5 जनवरी 2016 को शुरू हुआ था और इसे 2 जनवरी 2019 तक पूरा होना था। लेकिन, घटिया काम और 451 दिनों की देरी के कारण मूल ठेकेदार को 2022 में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। अक्टूबर 2022 में एक नए ठेकेदार को यह परियोजना सौंपी गई, जिसके लिए जनवरी 2024 की नई समय-सीमा निर्धारित की गई थी। हालांकि, यह समय-सीमा भी पूरी नहीं हो पाई। 2023 में आईआईटी दिल्ली द्वारा किए गए स्ट्रक्चरल ऑडिट में भवन के डिजाइन में खामियां पाई गईं, जिससे काम में और देरी हुई। इसके अलावा, बजट कटौती भी इस परियोजना में देरी का एक प्रमुख कारण रही है। फिलहाल, इस भवन का लगभग 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है, और उम्मीद की जा रही है कि अगले दो महीनों में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।

यूपी के मुख्य सचिव ने किया था दौरा
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने भंगेल एलिवेटेड रोड के साथ-साथ नोएडा प्राधिकरण के प्रशासनिक भवन का कार्य भी 30 जून 2025 तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया है। इन दोनों परियोजनाओं में देरी के कई कारण सामने आए हैं, दोनों परियोजनाओं में मूल बजट से अधिक लागत लग रही है, जिससे फंड की उपलब्धता में समस्या आई है।

देरी के मुख्य कारण
ठेकेदारों का बदलनाः नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर के मामले में ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करना और नए ठेकेदार को काम सौंपना, देरी का एक बड़ा कारण बना।
डिजाइन में खामियांः प्राधिकरण के दफ्तर के स्ट्रक्चरल ऑडिट में डिजाइन की खामियां सामने आईं, जिससे काम रोकना पड़ा। ’ अप्रत्याशित बाधाएंरू भंगेल एलिवेटेड रोड के मार्ग में आने वाली इमारतों को हटाना या डिजाइन में बदलाव करना जैसी अप्रत्याशित बाधाएं भी देरी का कारण बनीं।
प्रशासनिक शिथिलताः परियोजनाओं की निगरानी में कमी और समय पर निर्णय न ले पाना भी देरी का एक प्रमुख कारण रहा है।
निष्कर्ष के रुप में देखा जाए तो नोएडा में इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के पूरा होने में लगातार हो रही देरी न केवल वित्तीय नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि जनता को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्राधिकरण और संबंधित विभागों को इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि नोएडा के निवासियों को जल्द से जल्द इनका लाभ मिल सके।

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