गाजियाबाद । वेव सिटी थाना क्षेत्र के शंकर विहार स्थित मंगल कॉलोनी में बुधवार दोपहर करंट की चपेट में आने से एक साल की मासूम बच्ची और मां की मौत हो गई। दोनों के शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एसीपी रवि शंकर सिंह ने बताया कि 32 वर्षीय रंजू अपनी एक साल की बेटी के साथ घर की छत पर खड़ी थी। रंजू के हाथ में एक सरिया था, जो उसने गली की तरफ झुका रखा था। वहां से हाईटेंशन लाइन का तार निकल रहा था। यह सरिया उस तार से टच हो गया। इससे रंजू करंट की चपेट में आ गई। रंजू जिस लोहे की ग्रिल के सहारे खड़ी थी, उसमें भी करंट दौड़ गया। इस ग्रिल को रंजू की मासूम बेटी पकड़ी हुई थी, वो भी करंट की चपेट में आ गई। दोनों की मौके पर मौत हो गई। आसपास के लोग तुरंत छत पर पहुंचे और उन्हें निजी अस्पताल में ले गए, जहां पर दोनों को मृत घोषित कर दिया।
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सरिया दूसरी जगह रखने के चक्कर में हुआ टच
रंजू के पति रामसरोज मूल रूप से मऊ जिले में घोसी थाना क्षेत्र के गांव अकोहली मुबारकपुर गांव के रहने वाले हैं। वह गाजियाबाद में लालकुआं के समीप शंकर विहार में रिंकू यादव के मकान में किराए पर रहते हैं और मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उन्होंने बताया कि रंजू ने इस सरिये को दूसरी जगह रखने का प्रयास किया, उसी वक्त वो हाईटेंशन लाइन से छू गया। जिससे सरिया और ग्रिल में करंट उतरा और मां-बेटी की मौत हो गई।
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गल चुका था प्लास्टिक पाइप, दिख रहा था तार
पॉवर कॉरपोरेशन ने इस तरह के हादसे रोकने के लिए घरों के बाहर जहां से लाइन गुजर रही है, उस लाइन के ऊपर प्लास्टिक के पाइप चढ़ाए हुए हैं। ताकि अगर कोई छू जाए तो उसे करंट न लगे। लेकिन रंजू के मकान के सामने ये पाइप जगह-जगह से टूटा हुआ था और हाईटेंशन लाइन का तार साफ तौर पर दिखाई दे रहा था। ऐसा भी हो सकता है कि प्लास्टिक पाइप ज्यादा पुराना होने की वजह से खुद ही गलकर टूट गया हो। बहरहाल, यहां पॉवर कॉरपोरेशन की लापरवाही भी साफ तौर पर दिखाई पड़ती है।