Gujarat: भूपेंद्र पटेल सोमवार को लेंगे सीएम पद की शपथ, जानें कैसे पहुचे सीएम की कुर्सी तक
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Gujarat: भूपेंद्र पटेल सोमवार को लेंगे सीएम पद की शपथ, जानें कैसे पहुचे सीएम की कुर्सी तक

गुजरात में भाजपा विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र पटेल को फिर से नेता चुन लिया गया। भूपेंद्र पटेल अब 12 दिसंबर यानि सोमवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी भूपेंद्र पटेल की कहानी भी रोचक भरी है। इससे पता चलेगा कि भूपेंद्र पटेल किस तरह से सीएम की कुर्सी तक पहुंचे है। भूपेंद्र पटेल पहले इंजीनियर से बिल्डर बने भूपेंद्र ने पार्षद बनकर अपना राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
15 जुलाई 1962 में भूपेंद्र पटेल का जन्म अहमदाबाद में हुआ। भूपेंद्र को लोग दादा भी कहते हैं।. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के पिता का नाम रजनीकांत भाई पटेल है। भूपेंद्र पटेल की पत्नी का नाम हेतल पटेल है। भाई का नाम केतन पटेल है। बेटे का नाम अनुज पटेल है। भूपेंद्र पटेल की बहु का नाम देवांशी पटेल है। भूपेंद्र पटेल गुजरात के पाटीदार हैं। पाटीदार आंदोलन को खत्म कराने में भी भूपेंद्र की अहम भूमिका रही। भूपेंद्र कई पाटीदार संगठनों के मुखिया भी हैं। भूपेंद्र शुरूआत से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं। डिप्लोमा करने के बाद उन्होंने बिल्डर का काम शुरू किया। 1995 में वे अहमदाबाद के मेमनानगर नगर पालिका सेे पहली बार सदस्य चुने गए। इसके बाद 1999 और फिर 2004 में भी इसके सदस्य रहे। 1999 से 2004 तक वह नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे। 2008 से 2010 तक अहमदाबाद नगर निगम के उपाध्यक्ष रहे। 2015 से 2017 तक अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे। 2017 में भूपेंद्र पटेल ने पहली बार घाटलोडिया विधानसभा का चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड 1.17 लाख मतों से जीते। इसके बाद इनके नाम की खूब चर्चा हुई। तब विजयभाई रूपाणी मुख्यमंत्री थे। इस बार भी पटेल ने खाटलोडिया सीट से चुनाव लड़ा और 1.92 लाख मतों से चुनाव जीत गए।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आनंदीबेन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। 22 मई 2014 से सात अगस्त 2016 तक वह इस पद पर बनी रहीं। इसके बाद विजय भाई रूपाणी ने ये जिम्मेदारी संभाली थी। लेकिन 2021 में उन्हें भी पद छोड़ना पड़ा। उस दौरान अचानक भूपेंद्र पटेल का नाम सामने आया। भूपेंद्र आनंदीबेन पटेल के नजदीकी रहे। भूपेंद्र आनंदी बेन की सीट से ही पहली बार विधायक बने थे।

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