Diwali 2023 : माना जाता है कि 500 ईसा वर्ष पूर्व की मोहनजोदड़ो सभ्यता के प्राप्त अवशेषों में मिट्टी की एक मूर्ति के अनुसार उस समय भी दीपावली मनाई जाती थी। उस मूर्ति में मातृ-देवी के दोनों ओर दीप जलते दिखाई देते हैं। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का निर्माण भी दीपावली के ही दिन शुरू हुआ था। दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी।
Diwali 2023 :
दिपावली का इतिहास रामायण से भी जुड़ा हुआ है, ऐसा माना जाता है कि श्री राम चन्द्र जी ने माता सीता को रावण की कैद से छुड़ाया तथा उनकी अग्नि परीक्षा के उपरान्त, 14 वर्ष का वनवास व्यतीत कर अयोध्या वापस लोटे थे। अयोध्या वासियों ने श्री राम चन्द्र जी, माता सीता, तथा अनुज लक्षमण के स्वागत हेतु सम्पूर्ण अयोध्या को दीप जलाकर रोशन किया था, तभी से दीपावली अर्थात दीपों का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी की अयोध्या में केवल 2 वर्ष ही दिपावली मनायी गई थी।
७वीं शताब्दी के संस्कृत नाटक नागनंद में राजा हर्ष ने इसे दीपप्रतिपादुत्सवः कहा है जिसमें दीये जलाये जाते थे और नव वर-बधू को उपहार दिए जाते थे।
9 वीं शताब्दी में राजशेखर ने काव्यमीमांसा में इसे दीपमालिका कहा है जिसमें घरों की पुताई की जाती थी और तेल के दीयों से रात में घरों, सड़कों और बाजारों सजाया जाता था।
फारसी यात्री और इतिहासकार अल बेरुनी, ने भारत पर अपने ११ वीं सदी के संस्मरण में, दीपावली को कार्तिक महीने में नये चंद्रमा के दिन पर हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार कहा है। Diwali 2023 :
कहते हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करने आती हैं और जिस घर पर उनकी कृपा हो जाती है, वो घर सुख -शांति और संपन्नता का पर्याय बन जाता है। इस दिन लोग अपने -अपने घरों को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाते हैं और श्रद्धा पूर्वक मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं। हालांकि लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते वक्त कुछ खास बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
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- क्या ना करें
- शाम के वक्त झाड़ू ना लगाएं, साफ-सफाई का काम सुबह ही करें।
- किसी भी प्रकार का नशा न करें।
- जुआ न खेलें।
- निंदा और झगड़ा ना करें।
- परिवार वालों से उलझे नहीं।
- सहवास ना करें।
Diwali 2023 :
क्या करें
- अपने घर की तरह आप अपने आप को भी दिवाली पर साफ-सुथरा करें।
- नहा-धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। काले और नीले कपड़े ना पहनें।
- कुछ लोग दिवाली पर व्रत भी रखते हैं और लक्ष्मी पूजन के बाद अपना उपवास तोड़ते हैं।
- मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा पूरी श्रद्दा और प्रेम से करें।
- सामर्थ्यनुसार भगवान को चढ़ावा चढ़ाएं वैसे भी ईश्वर तो भक्तों की भक्ति और प्रेम को देखते हैं।
- मां लक्ष्मी को आम तौर पर खीर का भोग और गणपति जी को लड्डू या मोदक का भोग लगता है।
- इस दिन गरीबों को दान दें, हो सके तो ब्राहम्णों को भोजन कराएं।
- मां लक्ष्मी को झाड़ू भी चढ़ाएं।
- कुमकुम से शुभ-लाभ, श्री, स्वस्तिक और ओम के शुभ चिन्ह बनाएं और अपने और अपनों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करें।
- खुश रहें और खुशियां बांटें।
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Diwali 2023 :