Pollution News: दिल्ली नोएडा, ग्रेटर नोएडा और एनसीआर में प्रदूषण से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इस पर काबू पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा लागू किए गए ग्रेप नियमों का पालन करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं, लेकिन सबसे चैंकाने वाली बात यह है कि आमजन के सांसों पर संकट आ चुका है। यदि प्रदूषण से बीमारी की बात करें तो लगातार बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। सेक्टर 39 स्थित जिला अस्पताल में प्रतिदिन आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी और इन्फेक्शन के कारण खांसी जुकाम और अस्थमा की शिकायत वाले मरीज की संख्या बढ़ती जा रही है। डॉक्टरों की माने तो यह आंकड़ा पिछले एक सप्ताह में करीब 20-25 फीसदी बढा है। नोएडा जिला अस्पताल की सीएमएस डा. रेनू अग्रवाल बताती है कि अभी और मरीजों की संख्या बढ़ाने की आशंका है। जिला अस्पताल में बढ़ती संख्या को देखते हुए तैयारी कर ली गई है।
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ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में से करीब 25 फीसदी मरीज अस्थमा से ग्रस्त है। मेडिकल ऑफिसर डा. ऋषभ कुमार बताते हैं कि प्रदूषण बढ़ने की वजह से ओपीडी में सांस की समस्या से ग्रस्त मरीज अधिक होते जा रहे हैं। डॉक्टर बताते हैं कि तेजी से सांस लेना, बलगम के साथ खांसी आना सीने में इन्फेक्शन जकड़न होना और कमजोरी आ जाना यह सब प्रदूषण के लक्षण है। मगर कुछ सावधानियां हैं जो बरतेंगे तो बीमारी से दूर रहा जा सकता है। जैसे कि मरीजों को हमेशा गर्म कपड़े पहनना चाहिए। बाहर निकलने पर नाक मुंह को ढकना चाहिए। अस्थमा और काला दमा पीड़ितों के कमरे में धूप बत्ती अगरबत्ती आदि न लगाए। मरीज के लिए सप्ताह में 3 से 4 बार आराम करना बहुत जरूरी है। खैर अक्टूबर में प्रदूषण का स्तर बढ़ता गया और 1 नवंबर को वह दिन आ गया जब प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक हो गया। आजकल सांस लेने में दिक्कत होने लगी हैं।