गुड़ के इस तरह सेवन से हमेशा के लिए चला जायेगा आपका शुगर
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गुड़ के इस तरह सेवन से हमेशा के लिए चला जायेगा आपका शुगर

आजकल डायबिटीज होना वैसे तो आम समझा जा रहा है. किन्तु इसके दुष्परिणाम से कोई भी शुगर के मरीज वंचित नहीं हैं. ऐसे में अगर मामूली सा प्रयास कर आप अपने शुगर लेवल को कंट्रोल रख सकते हैं तो इससे अच्छी बात क्या होगी.

गुड़ का इस्तेमाल सदियों से मीठा के रूप किया जाता रहा है. गुड़ गन्ने से रस को निकाल कर मैनुअली तैयार किया जाता है. इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि गुड़ के सेवन से शुगर नहीं बढ़ती है. जबकि कुछ लोगों का कहना है कि इसमें बहुत अधिक मीठा होता है इसलिए यह शुगर को बहुत बढ़ा देता है.

सबसे पहले यह जानना है कि गुड़ है क्या. गुड़ चीनी का सबसे शानदार और हेल्दी विकल्प है. गुड़ में बहुत अधिक मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटैशियम पाया जाता है. ऑर्गेनिक गुड़ हमेशा केमिकल फ्री रहता है, इसलिए इसे गुड़ से कई तरह के फायदे हैं.

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क्या डायबिटीज के मरीज गुड़ खा सकते हैं
जानकारियों के मुताबिक डायबिटीज मरीजों के लिए जब भोजन तैयार किया जाता है तो आर्टिफिशियल स्वीटनर की जगह नेचुरल स्वीटनर का इस्तेमाल काफी फायदेमंद साबित होता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर तरह के कुदरती स्विटनर डायबिटीज मरीजों के लिए बेहतर विकल्प हो. सफेद चीनी की तुलना में ऑर्गेनिक सामग्री से बना गुड़ बेहतर होता है, जिसे कड़ाही में ही प्रसंस्करण से बनाया जाता है. सफेद चीनी के विपरीत जैविक गुड़ में केमिलक और अन्य चीजें नहीं मिलाई जाती है. हालांकि, गुड़ के ये फायदे तभी होते हैं, जब आप इसका सेवन सीमित रखें. सौ ग्राम गुड़ में 98 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जबकि इससे 383 कैलोरी ऊर्जा मिलती है. वहीं सौ ग्राम चीनी में भी 100 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. यानी चीनी की तुलना में गुड़ में सिर्फ दो ग्राम कम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. यही कारण है डायबिटीज के मरीजों को गुड़ खाने की भी सलाह नहीं दी जाती है.

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फिर क्या खाना चाहिए
न्यूट्रिशनिस्ट अक्सर डायबिटीज के मरीजों को सलाह देते हैं कि यदि मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ जाए तो जड़ी-बुटियों वाली चीजों का सेवन करना चाहिए, जैसे, अदरक, तुलसी, दालचीनी आदि. इन सबका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है. इसके अलावा स्टेविया का पौधा बहुत ही मीठा होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बहुत कम होता है. डायबिटीज के मरीजों मीठे फलों का भी सेवन कर सकते है.

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