new delhi news राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ओखला गांव में अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ जल्द ही एक बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को आदेश दिया कि वह ओखला गांव में अतिक्रमण और अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई करे। हालांकि, इस आदेश में एक शर्त भी दी गई है कि संबंधित व्यक्तियों को ढहाई जाने वाली संरचनाओं के बारे में कम से कम 15 दिन का नोटिस दिया जाना आवश्यक होगा।
सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ, जिसमें जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां शामिल हैं, ने डीडीए को तीन महीने के भीतर इस कार्रवाई का अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा। पीठ ने कहा कि हम डीडीए को निर्देश देते हैं कि वह 2 बीघा और 10 बिस्वा क्षेत्र में बने अवैध निमार्णों को कानून के अनुसार ढहाए।
अवैध निमार्णों पर कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ओखला गांव की 3 बीघा और 8 बिस्वा भूमि में से 1 बीघा और 8 बिस्वा क्षेत्र पीएम-उदय योजना के दायरे में आता है, जबकि शेष भूमि इस योजना के अंतर्गत नहीं आती। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पीएम-उदय योजना से बाहर के क्षेत्र में अवैध संरचनाओं को ढहाने की कार्रवाई करे।
यह कार्रवाई 2018 में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए की जा रही है, जिसमें दिल्ली में सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण और अवैध निमार्णों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात की गई थी।
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