Aircraft Safety: नई दिल्ली। हाल ही में अहमदाबाद के पास हुई एयर इंडिया की विमान दुर्घटना के बाद केंद्र सरकार ने विमानन सुरक्षा को लेकर कमर कस ली है। नागर विमानन मंत्री श्री के. राममोहन नायडू ने गुरुवार को देशभर के हवाई अड्डा निदेशकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य हवाई अड्डों की जमीनी तैयारियों का आकलन, यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा बढ़ाना, तथा आपातकालीन परिस्थितियों में समन्वय को और मजबूत करना था।
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बैठक में मंत्री ने विशेष रूप से दुर्घटनाओं के बाद की सुरक्षा जांच, प्रतिकूल मौसम, और भू-राजनीतिक तनाव जैसे कारणों से उड़ानों के पुनर्निर्धारण के बीच बेहतर समन्वय और संचार सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यात्रियों को समय पर सूचना और राहत देना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
इसके अलावा, श्री नायडू ने एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के साथ अलग से बैठक कर परिचालन संबंधी चुनौतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने एयर इंडिया को रद्द या विलंबित उड़ानों के संबंध में यात्रियों को बेहतर सूचना देने, ग्राहक सेवा में सहानुभूति और पारदर्शिता लाने, तथा जमीनी समन्वय को मजबूत करने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि पश्चिम एशिया की अस्थिरता, यूरोप में रात के समय उड़ानों पर प्रतिबंध, और सुरक्षा जांच में वृद्धि के चलते एयर इंडिया को अपने विमान संचालन में अस्थायी बदलाव करने पड़ रहे हैं। इसके कारण कुछ उड़ानों को रद्द या पुनर्निर्धारित किया जाएगा, जिसकी सूचना यात्रियों को मीडिया और अन्य माध्यमों से समय पर दी जाएगी। यात्रियों को विकल्प के तौर पर फिर से बुकिंग या पूर्ण रिफंड की सुविधा दी जाएगी।
मंत्री ने बुधवार और गुरुवार को स्पाइसजेट, इंडिगो और अकासा एयर जैसी निजी एयरलाइनों के शीर्ष अधिकारियों के साथ भी बैठकें कीं और सुरक्षा, संचार रणनीति और यात्रियों के अनुभव की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि एयरलाइनों के साथ समय-समय पर परिचालन समीक्षा बैठकें आयोजित करना अब एक संस्थागत प्रक्रिया के रूप में लागू किया जाएगा ताकि हवाई यात्रा को और अधिक सुरक्षित, सुगम और जवाबदेह बनाया जा सके।
इस बीच, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने भी 12 जून को हुई एयर इंडिया की दुर्घटना की औपचारिक जांच शुरू कर दी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। यह पहल सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि देश में हवाई यात्री सुरक्षा किसी भी परिस्थिति में समझौते का विषय नहीं हो सकती।