Greater Noida News: गौतमबुद्ध नगर पुलिस उत्तर प्रदेश में नंबर वन आ रही है। खासतौर से शिकायतों के निस्तारण करने में, लेकिन थाना जारचा क्षेत्र के गांव सैंथली में ताऊ भतीजा की हत्या के मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं। आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर रहे लेकिन उन्होंने एक एक कर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। मुख्य आरोपी ने बुलंदशहर तो सह आरोपी ने गाजियाबाद कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है। सवाल यही है कि ये लोग लगातार वकीलों के संपर्क में थे तो पुलिस क्या भांप नहीं पाई इनके इरादों को। इस कार्रवाई से पीडित परिवार नाखुश हैं। इस संबंध में पीड़ितों ने पुलिस कमिश्नर से भी मिलकर अपनी बात रखने की कोशिश की मगर कमिश्नर से मुलाकात नही हो पाई। दरअसल पुलिस लगातार कहती रहीं कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मगर आरोपी अपनी अलग ही खिचड़ी बनाते रहे। उन्होंने पुलिस की कड़ी कार्रवाई से बचने के लिए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। चर्चा ये भी है कि कुछ पुलिस कर्मियों और वकीलों ने मिलकर उन्हें सलाह दी। जिसके बाद इन बदमाशों ने एक के बाद एक कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। मालूम हो कि 19 अक्टूबर की शाम थाना जारचा क्षेत्र के गांव सेंथली में सीआईएसएफ से रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर अजयपाल सिंह का अपने पड़ोसी प्रिंस भाटी से नाली में पानी निकासी को लेकर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि 20 अक्टूबर को प्रिंस भाटी अपने कुछ साथियों के साथ अजयपाल सिंह के घर पहुंचा। यहां अजयपाल और उनके भतीजे दीपांशु की गोली मारकर हत्या कर दी। वहाँ से आरोपी फरार हो गए। इस मामले में अजयपाल के परिजनों ने प्रिंस भाटी, बॉबी तोमर और हिस्ट्रीशीटर मनोज नागर के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज कराया। तभी से पुलिस की चार टीमें उनकी तलाश कर रही थीं मगर पुलिस को कामयाबी नहीं मिली।
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