Greater Noida Farmers: ग्रेटर नोएडा की लुक्सर जेल में बंद एक किसान को आज यानी शनिवार को रिहा किया गया है। वहीं एक किसान की संबंधित मुकदमे में जमानत न मिलने की वजह से रिहाई नहीं हो सकी। वहीं, शनिवार को 35 किसानों से उनके परिजनों ने जेल में मुलाकात की। इस दौरान उनके एडवोकेट भी उसके साथ मौजूद रहे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बाकी किसानों की जमानत क्यों नहीं हो पा रही है। इसका जवाब खोजने के लिए किसानों के परिजन इधर उधर भटक रहे हैं।
पुलिस ने चैकसी बढाई
आज ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे जीरो प्वाइंट पर किसानों के पहुंचने की संभावना को देखते हुए पुलिस पूरी तरह अलर्ट रही। धरना-प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए पूरे इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। हालांकि देर शाम तक एक भी किसान वहां नहीं पहुंचा, जिससे पुलिस ने राहत की सांस ली। पुलिस ने धरना स्थल और किसानों के गांवों पर निगरानी बढ़ा दी है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन सतर्क है। एलआईयू की रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस टीमें लगातार धरना स्थलों पर गश्त कर किसानों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। जेल प्रशासन और पुलिस के इस रवैये से स्थिति नियंत्रण में है।
35 किसानों को उनके परिजनों से मिलने की इजाजत
बता दें कि प्रशासन किसानों की मांगों को समझने और कानून व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। जेलर ने बताया कि कुल 35 किसानों को उनके परिजनों से मिलने की इजाजत दी गई। जेल में किसी भी किसान को अकेले में नहीं रखा गया है और सभी को सामान्य बैरक में रोज भोजन दिया जा रहा है। किसानों के स्वास्थ्य पर भी नजर रखी जा रही है।
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