Pollution: फिर बढ़ा प्रदूषण, गैस चेम्बर बनी दिल्ली की फिजा में घुला ‘जहर’
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Pollution: फिर बढ़ा प्रदूषण, गैस चेम्बर बनी दिल्ली की फिजा में घुला ‘जहर’

  • सांसों पर संकट का धूआं

  • 40 प्रदूषण मॉनिटरिंग केंद्रों से 36 का डाटा आया सामने

Pollution: नई दिल्ली। दिल्ली का प्रदूषण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को दिल्ली का एक्यूआई बढ़कर 359 पहुंच गया। शनिवार को दिल्ली का एक्यूआई 255 पर था। केंद्रीय प्रदूषण जांच बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को दिल्ली के 8 इलाकों का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में रहा। इसके अलावा बाकी इलाकों में बहुत खराब स्थिति बनी हुई है। आइए जानते हैं रविवार को दिल्ली के किन इलाकों की हवा सबसे खराब रही।

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रविवार को दिल्ली के 40 प्रदूषण मॉनिटरिंग केंद्रों से 36 का डाटा सामने आया है। इसमें से 8 इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। इसके अलावा 28 इलाकों में प्रदूषण बहुत खराब की श्रेणी में बना हुआ है। कुल मिलाकर दिल्ली में प्रदूषण का बढ़ता हुआ स्तर लोगों की सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। सीपीसीबी से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को दिल्ली के आनंद विहार, अलीपुर, बवाना, जहांगीरपुरी, मुंडका, वजीरपुर, विवेक विहार और सोनिया विहार में हवा सबसे खराब रही। यहां के एक्यूआई 300 के ऊपर रहा।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को दिल्ली की हवा की रफ्तार शून्य किलोमीटर प्रति घंटे रही। यही वजह रही कि दिल्ली की हवा खराब होती गई। बीते दो दिनों में दिल्ली की हवा के स्तर में सुधार हुआ था। वजह थी हवा की स्पीड का बढ़ना। लेकिन रविवार को हवा एक दम से बंद हो गई तो दिल्ली के प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से रंग दिखाने लगा और लोगों की सांसों पर भारी पड़ने लगा। रविवार को स्मॉग की एक चादर जैसी परत ने दिल्ली के आसमान को ढक लिया और दृश्यता काफी कम हो गई। भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को दिल्ली की आर्द्रता 93 प्रतिशत दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को दिल्ली का आसमान साफ रहेगा। बारिश होने की संभावना नहीं है। रविवार को दिल्ली का तापमान अधिकतम 33 डिग्री सेल्सियस पहुंचने की संभावना है।

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कई स्थानों पर एक्यूआई ‘गंभीर’
प्रदूषण के स्तर में सुधार लाने वाली हवा की धीमी रफ्तार के कारण राजधानी दिल्ली में दो दिन के बाद रविवार को वायु गुणवत्ता एक बार फिर से ह्यबेहद खराबह्ण हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 359 दर्ज किया गया, जबकि शनिवार को यह 255 था। सीपीसीबी ने 40 निगरानी केंद्र में से 36 का आंकड़ा साझा किया, जिसमें से आनंद विहार, अलीपुर, बवाना, जहांगीरपुरी, मुंडका, वजीरपुर, विवेक विहार और सोनिया विहार में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई जबकि शेष 28 में एक्यूआई ‘ह्यबेहद खराब’ श्रेणी में रहा।

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पूरे उत्तर भारत के लिए काफी अहम होंगे अगले 15 दिन
गोपाल राय ने एएनआई से बात करते हुए आज कहा, इस समय प्रदूषण के स्तर को देखते हुए अगले 15 दिन पूरे उत्तर भारत के लिए काफी अहम होंगे। अगले 15 दिनों में सरकार की तरफ से हमारी कोशिश है कि प्रदूषण नियंत्रण की सभी गतिविधियों में तेजी लाई जाए। शनिवार को केंद्रीय कृषि एवं पर्यावरण मंत्रियों और पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के साथ हुई संयुक्त बैठक में हमने अनुरोध किया कि ये सभी सरकारें अगले 15 दिनों तक निगरानी करें। सरकार के साथ-साथ लोगों को भी सक्रिय होना होगा। पराली जलाने की घटनाएं कम हो रही हैं, लेकिन अगले 15 दिनों में इस पर कड़ी निगरानी के साथ नियंत्रण करने की जरूरत है। दिवाली आने वाली है और पटाखों से होने वाले धुएं पर नियंत्रण करने की जरूरत है। सभी को कम से कम अगले 15 दिनों तक लाल बत्ती पर अपने वाहन बंद करने होंगे। जितना हो सके सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना होगा। मैं सभी दिल्लीवासियों से अनुरोध करता हूं कि अगर आपको कहीं भी आग लगती दिखे तो ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप डाउनलोड करें और उसकी फोटो पोस्ट करें ताकि कार्रवाई की जा सके।

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच केंद्र ने राज्यों से की अपील
राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर में कमी लाने की कोशिशों के बीच केंद्र सरकार ने भी राज्यों से पराली प्रबंधन के काम में तेजी लाने का शनिवार को आग्रह किया। भाषा के अनुसार, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई हाईलेवल मीटिंग में राज्यों से उन 3,00,000 से अधिक फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को इस्तेमाल के लिहाज से अधिक अनुकूल बनाने के लिए कहा गया, जिन्हें सरकारी सब्सिडी पर किसानों को वितरित किया गया था। बैठक में शिवराज ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन इस पर लगातार ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

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