एमिटी में “अंतरिक्ष अनुसंधान में भविष्य की दिशा” पर हुई चर्चा
नोएडा । एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष में ‘अंतरिक्ष अनुसंधान में भविष्य की दिशा’ पर लीडरशिप टॉक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मिसाइल एंड स्ट्रैटजिक सिस्टम के महानिदेशक डा यू राजा बाबू, इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) के निदेशक विंग कमांडर सत्यम कुशवाहा, डीआरडीओ के टीडीएफ के एडिशनल डायरेक्टर अर्जुन कुमार, डीएसओ के गु्रप कैप्टन विष्णु वाजपेयी और जॉनेट टेक्नोलॉजीस के सीईओ जॉन लिविंगस्टोन ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा एम एस प्रसाद और इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डिप्टी डीन डा के एम सोनी ने अतिथियों का स्वागत किया। मिसाइल एंड स्ट्रैटजिक सिस्टम के महानिदेशक डा यू राजा बाबू ने कहा कि मानव मन में सदैव अंतरिक्ष को लेकर उत्सुकता और ज्ञिज्ञासा बनी रही है हम आसमान की तरफ देखते है और तारो के विश्व में नई संभावनाओं को तलाशते है। डा बाबू ने कहा कि अंतरिक्ष में बढ़ते कदमों ने हमारी जानकारी को बढ़ाया है हमने अन्य ग्रहों के वातावरण और गैलेक्सी को भी समझा है।
त्र पर्यावरण, नैविगेशन, सुरक्षा और डिफेंस आदि में सहायक हो रही है। कई देश ना केवल सुरक्षा हेतु बल्कि युद्ध में सैटेलाइट का उपयोग कर रहे है जिसका उदाहरण रशिया और युक्रेन का युद्ध है। आईएसपीए के निदेशक विंग कमांडर सत्यम कुशवाहा ने कहा कि इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) को भारत मे निजी अंतरिक्ष उद्योग के सफल सहयोगात्मक विकास के लिए स्थापित किया गया है।
डीआरडीओ के टीडीएफ के एडिशनल डायरेक्टर अर्जुन कुमार ने कहा कि किसी भी अनुसंधान, प्रोजेक्ट के लिए वित्त सहायता एक महत्वपूर्ण आधार होता है। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने हेतु टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड की स्थापना की गई है।
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