Fire Safety: नोएडा के 48 अस्पताल अग्नी सुरक्षा में फेल, हादसा हुआ तो नही बचेगी जान
नोएडा। दिल्ली और गुजरात के राजकोट में अग्नीकांड के बाद नोएडा फायर विभाग ने उन संस्थानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है जिनका यहा आग लगने की स्थिति से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नही है। कई घटनाओं को देखते हुए जिले का अग्निशमन विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है। विभाग की कई टीमों ने 188 अस्पतालों की जांच की तो 48 अस्पतालों में अग्नी सुरक्षा (Fire Safety) की कमी थी यानी ये अस्पताल आग से सुरक्षा इंतजामों में फेल साबित हुए है। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई। अब खामियों को दुरुस्त कराने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) की ओर से भी टीम बनाई जाएगी। वहीं, सीएफओ प्रदीप कुमार चैबे का कहना है सभी अस्पताल प्रबंधनों को नोटिस भेजकर तत्काल सुरक्षा मानकों के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
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सभी खामियों को दुरुस्त कराने के लिए सीएमओ की ओर से बनेगी टीम
बता दें कि गर्मी का मौसम शुरू होते ही आग की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने अस्पतालों, स्कूलों, फैक्ट्रियों से लेकर हाइराइज इमारतों में अग्निशमन सुरक्षा (Fire Safety) की व्यवस्था को जांच कराकर ठीक कराने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में सीएफओ प्रदीप कुमार चैबे के नेतृत्व में अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। इसमें चैंकाने वाली जानकारी सामने आई कि 48 अस्पतालों में आग से बचने के उपाय बेहतर नहीं हैं। किसी अस्पताल में पाइपलाइन ठीक नहीं है तो कहीं निकास मार्ग अवरुद्ध है तो कहीं सिलिंडर खाली हैं। सबसे अधिक खामियां छोटे अस्पतालों में मिलीं। जिला अस्पताल में भी सुरक्षा मानकों का उल्लंघन मिला। वहीं, शहर के बड़े निजी अस्पतालों में सामान्य रूप से अग्निशमन व्यवस्था ठीक मिली, जबकि ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में बहुत अधिक उल्लंघन पाया गया।
क्या कहते है फायर विभाग के नियम
दरअसल, फायर विभाग की ओर से कुछ नियम बनाए गए है। बीस बिन्दुओं को पूरा करने के बाद ही विभाग एनओसी दी जाती है। नियम के हिसाब से मुख्य रूप से अस्पताल के चारों ओर दमकल की गाड़ियों के जाने का रास्ता, 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले अस्पताल में स्प्रिंकलर सिस्टम, स्वचालित स्मोक डिटेक्टर और हीट डिटेक्टर सिस्टम, कंट्रोल पैनल, पंप और पंप रूम की व्यवस्था, आपातकाल की स्थिति में चार तरह से निकास आदि हैं। यदि अस्पताल में यह मानक नहीं हैं तो अग्निशमन विभाग, अस्पताल प्रशासन को नोटिस भेजकर जवाब मांगता है, यदि नोटिस में दी गई समय अवधि के भीतर जवाब नहीं आता है तो जुर्माना लगाने का प्रावधान है। यदि नियमों का पालन फिर भी नहीं किया जा रहा है तो पानी-बिजली के कनेक्शन काटने का भी नियम है।