New Delhi: भारत एवं केन्या वन संरक्षण, स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में करेंगे सहयोग
New Delhi: भारत एवं केन्या ने अपने राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर पर्यावरण एवं वन संपदा के संरक्षण तथा स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में मिल कर काम करने का संकल्प लिया।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्या के राष्ट्रपति विलियम सामोई रूतो के साथ यहां हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय शिखर बैठक में ये संकल्प लिये गये। दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये।
श्री मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत की विदेश नीति में अफ्रीका को हमेशा उच्च प्राथमिकता का स्थान दिया गया है। पिछले लगभग एक दशक में हमने मिशन मोड में अफ्रीका के साथ अपना सहयोग बढ़ाया है। इस वर्ष हम भारत और केन्या के राजनयिक संबंधों की साठवीं वर्षगाँठ मना रहे हैं, किन्तु हमारे संबंधों का हज़ारों वर्ष पुराना इतिहास है।
उन्होंने कहा कि भारत और केन्या के बीच आपसी व्यापार और निवेश में लगातार प्रगति हो रही है। हमारे आर्थिक सहयोग की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए हम नए अवसरों की तलाश जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, “ भारत एवं केन्या, दो कृषि प्रधान अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, हम अपने अनुभव साझा करने पर सहमत हुए हैं। केन्या के कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए, हम 25 करोड़ डॉलर का ऋण प्रदान करने पर सहमत हुए हैं। आधुनिक समय की जरूरतों के अनुसार हम नवाचार में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं। डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में, हम केन्या के साथ भारत की उपलब्धियों को साझा करने के लिए तैयार हैं। स्वच्छ ऊर्जा दोनों देशों की मुख्य प्राथमिकता है। अफ्रीका जलवायु शिखर सम्मेलन की केन्या की पहल सराहनीय कदम है।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि केन्या ने वैश्विक जैवईंधन गठबंधन और अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ से जुड़ने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही केन्या द्वारा लिए गए अंतरराष्ट्रीय विडालवंशी गठबंधन यानी इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस से जुड़ने के निर्णय से हम विडाल वंशी जन्तुओं यानी शेर बाघ, चीता, तेंदुआ आदि के संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयासों को सशक्त कर सकेंगे।
श्री मोदी ने कहा, “रक्षा क्षेत्र में हमारा बढ़ता सहयोग हमारे आपसी विश्वास और साझा हितों का प्रतीक है। आज की चर्चा में हमने सैन्य अभ्यास क्षमता निर्माण के अलावा दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को जोड़ने पर भी जोर दिया। हमने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लोक कल्याण के लिए इस्तेमाल पर भी चर्चा की।”
शिखर बैठक में दोनों पक्षों के बीच आतंकवाद पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत और केन्या एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती है। इस संबंध में हमने आतंकवाद से मुकाबले के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
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केन्या के राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे बीच सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है। और आज मेरी यात्रा में, हमने उस रिश्ते को मजबूत किया है और हमारी सरकारों के बीच जुड़ाव का दायरा बढ़ाया है… हमने चर्चा की है कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक हमारे कृषि वित्त निगम के साथ किसानों को ऋण प्रदान करने में सहायता के क्षेत्र में काम करेगा ताकि हम खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों से निपट सकें, विशेष रूप से केन्या गणराज्य की चुनौतियों से।”
श्री विलियम सामोई रूतो ने उन्हें आमंत्रित करने के लिए श्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, “हमें एक उत्कृष्ट स्वागत मिला। हमने पारस्परिक महत्व और महत्व की व्यापक बातचीत की है। मैंने जी 20 की सफलतापूर्वक मेजबानी करने और अफ्रीकी लोगों के हितों का समर्थन करने के लिए पीएम मोदी को बधाई दी। अफ्रीका संघ अब जी-20 का सदस्य है। मैंने प्रधानमंत्री श्री मोदी को ग्लोबल साउथ में उनके नेतृत्व के लिए और हमें ग्लोबल साउथ में बुलाने के लिए भी बधाई दी है। हम एक साझा विरासत और इतिहास साझा करते हैं। आने वाले पहले भारतीय केन्या की यात्रा 1911 में हुई थी। कई केन्याई लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारत आते हैं जिससे भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए लालफीताशाही कम हो जाएगी।”
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