1 min read
Himachal Pradesh में पहली बार एफडीआर तकनीक से बनेंगी सड़कें: सुखविंदर सिंह
Himachal Pradesh में पहली बार सड़कों का निर्माण फुल डेप्थ रेक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक पर किया जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार देर सायं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा पर आयोजित एक बैठक में दी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनने वाली सड़कों में इस तकनीक का उपयोग करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए और कहा कि शुरूआती चरण में विभिन्न जिलों में 666 किमी सड़कों का निर्माण इस तकनीक से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर सड़क सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार व असम के बाद हिमाचल प्रदेश एफडीआर तकनीक का इस्तेमाल कर सड़क निर्माण करने वाला देश का चौथा राज्य बनने जा रहा है।
यह भी पढ़े : Punjab News:नौजवानों को राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में बराबर हिस्सेदार बनाने की मुहिम
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तकनीक से सड़कें ज्यादा टिकाऊ बनती हैं और वाहनों के लिए भी यह सड़कें बेहतर हैं। साथ ही इसकी लागत भी कम है और यह तकनीक पारिस्थिकी के अनुकूल (इको फ्रेंडली) भी है। इस तकनीक में सड़क की सतह से सामग्री का उपयोग कर इसमें सीमेंट और एडिटिव को मिलाकर एक मिश्रण तैयार किया जाता है, जिससे सड़कों का निर्माण किया जाता है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सुविधा के लिए सड़क संपर्क को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है। आने वाले समय में करीब 2682 किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें से 666 किमी सड़कें एफडीआर तकनीक, 556 किमी सड़कें सीमेंट स्टेबलाइजेशन तथा 1460 किमी सड़कों का निर्माण परम्परागत तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन पर लगभग 2683 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सुविधा के लिए सड़क संपर्क को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है। आने वाले समय में करीब 2682 किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें से 666 किमी सड़कें एफडीआर तकनीक, 556 किमी सड़कें सीमेंट स्टेबलाइजेशन तथा 1460 किमी सड़कों का निर्माण परम्परागत तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन पर लगभग 2683 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश में सड़कें लोगों की जीवन रेखा कही जाती हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सड़क निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा इन सड़कों का निर्माण कार्य समयबद्ध पूरा करने के भी निर्देश दिए, ताकि लोगों को सड़क सुविधा का लाभ समय पर मिल सके। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, प्रधान सचिव, लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, प्रमुख अभियंता अजय कुमार गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।