गाजियाबाद । पेड़ व पौधे वातावरण में फैलने वाले प्रदूषण को न सिर्फ रोकने में ही सहायक होते बल्कि इसके पत्ते प्रदूषण को अवशोषित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ऐसे कई पौधे हैं जो घरों में गमलों में रहकर भी वातावरण के प्रदूषण को अपने अंदर अवशोषित कर आॅक्सीजन में बदल देते हैं। उक्त बातें गुरुवार को लोहा मंडी में पीपल का पौधा लगाते हुए Ghaziabad Mayor सुनीता दयाल ने कहीं। उन्होंने कहा आमतौर पर छोटे से दिखने वाले पौधे मनुष्य के जीवन के लिए बड़ा काम करते हैं। हवा को फिल्टर कर उसे शुद्ध बनाने में ये पौधा सहायक है। पर्यावरण को संतुलित रखने में सबसे ज्यादा महत्व पेड़ पौधों का है। मानव को जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण आॅक्सीजन पेड़ों से ही मिलती है। मानव जीवन सुरक्षित रहे इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति कम से कम दो पौधा लगाने व उसकी सुरक्षा का संकल्प ले।
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लोहा मंडी पार्क में 25 लाख रुपए की लागत से मियावाकी पद्धति से वृक्षारोपण कराया जा रहा है। जिसमें पानी के लिए बोरिंग, बाउंड्री वाल का कार्य भी किया गया। साथ ही 2 वर्षो तक की देखरेख का कार्य भी इसी में सम्मिलित रहेगा। महापौर ने बताया शहर में प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जिसके परिणाम बहुत खराब होंगे लेकिन प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी को प्रयास करने होंगे, नगर निगम के उद्यान विभाग पूर्व से ही मियावाकी पद्धति से शहर में वृक्षारोपण किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा। नगर निगम के इस कार्य से जहां एक ओर शहर में हरियाली आएगी वहीं दुसरी ओर शहर प्रदूषण मुक्त होगा।
मियावाकी तकनीक से सुधरेगी हवा की गुणवत्ता: डॉ. अनुज सिंह
उद्यान प्रभार डॉ. अनुज कुमार सिंह ने बताया कि शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए उद्यान विभाग द्वारा पिछले कई वर्षों से योजना अनुसार मियावाकी पद्धति द्वारा कार्य किया जा रहा है। शहर के हर हिस्से में छोटे-छोटे प्राकृतिक जंगल तैयार होंगे। हाई डेंसिटी प्लांटेशन से बहुत कम समय में प्राकृतिक जंगल लहलहा उठेगा। यह गाजियाबाद की बिगड़ती हवा को सुधारने में बेहद मददगार होंगे।