WPI : खाने-पीने की चीजें हुई सस्ती, निचले स्तर पर थोक महंगाई
New Delhi. थोक महंगाई दर में बड़ी गिरावट होने से खाने-पीने की चीजों के रेट न्यूनतम स्तर पर आ गई है। थोक महंगाई दर में गिरावट की मुख्य वजह खाद्य महंगाई में गिरावट है जो 22 महीने के निचले स्तर 0.65% पर आ चुका है, जबकि नवंबर 2022 में खाद्य महंगाई दर 2.17% पर थी। जबकि, फूड इंडेक्स महीने दर महीने 1.8% पर आ चुकी है।
बता दें कि एक आंकड़े के मुताबिक, होलसेल प्राइस-बेस्ड इन्फ्लेशन घटकर 4.95 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पहले नवंबर में ये 5.85% पर थी। ये इसका 22 महीने का निचला स्तर है। इससे पहले फरवरी 2021 में महंगाई दर इससे कम 4.83% पर थी। पिछले साल नवंबर 2021 में यह 14.27 WPI रही थी।
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थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहना चिंता का विषय है। ये ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर को प्रभावित करती है। यदि थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक उच्च रहता है, तो प्रड्यूसर इसे कंज्यूमर्स को पास कर देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है।
जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कर सकती है, क्योंकि उसे भी सैलरी देना होता है। WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है।
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सब्जियों की महंगाई -20.1% से घटकर -35.95% हो गई है।
अंडे, मीट और मछली की महंगाई 2.27% से बढ़कर 3.34% हो गई है।
प्याज की महंगाई -19.2% से घटकर -25.97% पर आ गई है।
फ्यूल एंड पावर में WPI 17.35G से बढ़कर 18.09% रहा।
खाद्य तेल के लिए महंगाई दर -5.10% से घटकर -6.05% रही।
रिटेल महंगाई भी 12 महीने के निचले स्तर पर
देश में खुदरा रिटेल महंगाई (WPI) में लगातार तीसरे महीने गिरावट देखने को मिली है। दिसंबर महीने में रिटेल महंगाई (WPI) घटकर 5.72þ पर आ गई है। ये 12 महीनों का निचला स्तर है। नवंबर महीने में रिटेल महंगाई (WPI) 5.88þ पर थी। वहीं अक्टूबर 2022 में रिटेल महंगाई 6.77% थी।