ईवीएम कैद हो गई 412 उम्मीदवारों की किस्मत
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग सम्पन्न हो गई। जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 66.37 फीसदी की वोटिंग हुई है। अब उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों की प्रतीक्षा है। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जनता के बीच मतदान को लेकर उत्सुकता देखने को मिली। वोटिंग के बाद अब स्ट्रांग रूम में ईवीएम को ले जाकर रख दिया गया है। कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी लाइन देखने को मिली। हिमाचल प्रदेश में 68 सीटों पर लगभग 412 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इनमें 24 महिला प्रत्याशी भी हैं। मतदान में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती सहित कई प्रमुख लोगों की किस्मत दांव पर है। हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। हिमाचल प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। भाजपा रिवाज बदलने की कोशिश में है। वहीं कांग्रेस पुरानी परंपरा पर ही भरोसा कर रही है। भाजपा दूसरी बार सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। जबकि कांग्रेस को उम्मीद है कि सरकार तो उसकी ही बनने वाली है। हिमाचल प्रदेश की इतिहास की बात करें तो 1990 के बाद हर 5 साल में वहां सरकार बदलती आई है। लेकिन इस बार भाजपा ने नारा ही दे दिया था- राज नहीं, रिवाज बदलेंगे। इस नारे को आज भी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दोहराया। वहीं कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। इसलिए कांग्रेस को उम्मीद है कि लोग परिवर्तन के लिए वोट डालेंगे। सबसे खास बात रही कि वोटिंग के दिन भी राज्य में कई इलाकों में कड़कड़ाती ठंड देखने को मिली। लेकिन मतदाताओं में उत्साह भी कम नहीं हुआ। आयोग के मुताबिक, शाम पांच बजे तक 65.92 फीसदी मतदान दर्ज हुआ है। सबसे ज्यादा 72.35 प्रतिशत वोट सिरमौर जिले में पड़े हैं। इसके बाद सोलन में 68.48 फीसदी, ऊना में 67.67 प्रतिशत तथा लाहौल स्पीति में 67.5 फीसदी मतदान हुआ है। ऊंचाई वाले जिले लाहौल स्पीति में दोपहर एक बजे तक सबसे कम 21.95 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, लेकिन धूप निकलने के साथ ही मतदान तेज हो गया था। आयोग के अनुसार, शिलाई में सबसे अधिक 77 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि सरकाघाट में सबसे कम 55.40 फीसदी वोट डाले गए।