पाकिस्तान की श्रीलंका जैसे हालत कर सकता है चीन!

 

श्रीलंका में क्या हुआ ये किसी से छिपा नही है दरसल इस स्थिति के लिए चीन को जिम्मेदार बताया जाता है। अब पाकिस्तान के ऐसे हालात बनते दिख रहे हेै। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस वक्त चीन दौरे पर हैं। पाक के खराब आर्थिक और राजनीतिक हालात के बीच चीन उसे भरोसा दे रहा है। चीन की न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में जिनपिंग ने शरीफ से वादा किया है कि वह सीपीईसी प्रोजेक्ट को गति देंगे। लंबे समय से यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा था। अब जिनपिंग ने कहा है कि ग्वादर पोर्ट के विकास, परिवहन और आर्थिक गतिविधियों में पाकिस्तान की मदद करेंगे। हालांकि पाकिस्तान को इस बात का अंदाजा नहीं है कि कहीं चीन उसकी भी दशा श्रीलंका जैसी ना कर दे।

उल्लेखनीय है कि श्रीलंका के दीवालिया होने के पीछे चीन का सबसे बड़ा हाथ था। श्रीलंका में चीन के बड़ी-बड़ी परियोजनाएं चल रहे थे जिनके पूरे होने के बाद भी उनपर चीन का ही कब्जा रहता था। वहीं श्रीलंका के वदेशी कर्ज में से लगभग 51 फीसदी हिस्सा चीन से ही था। श्रीलंका के बुरे समय में चीन ने अपना पल्ला झाड़ लिया। अब पाकिस्तान के पास भी चीन के अलावा कोई और सहारा नहीं है। पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था कई वर्षों से बदतर है। कोरोना ने हालत और खराब कर दी। इसके बाद भीषण बाढ़ से अर्थव्यवस्था और ज्यादा तबाह हो गई।

मालूम हो कि जिस प्रोजेक्ट को गति देने की बात चीन और पाकिस्तान कर रहे हैं, भारत उसपर आपत्ति जताता रहा है। चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर पीओके से होकर गुजरता है। भारत ने कड़े लहजे में बताया है कि यह हमारी संप्रभुता को चोट पहुंचाने की तरह है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी एससीओ की एक बैठक में चीन को जमकर सुनाया और पाकिस्तान के साथ साठगांठ की पोल खोलकर रख दी।

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