100 साल पुराना है अल-अक्सा मस्जिद विवाद,जंग जैसे हालात
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100 साल पुराना है अल-अक्सा मस्जिद विवाद,जंग जैसे हालात

अल-अक्सा मस्जिद को लेकर एक बार फिर से विवाद छिड़ गया है।ये विवाद कोई नया नही है बल्कि 100 साल पुराना है। अब इजराइल की पुलिस यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में घुस गई और वहां ग्रेनेड से हमला करती है। इसके बाद फिलिस्तीन के हथियारबंद इस्लामिक चरमपंथी संगठन हमास की ओर से इजराइल के लिए अल्टीमेटम जारी होता है। शाम होते-होते इजराइल के शहरों में सैकड़ों रॉकेट दागे जाते हैं। इसके बाद दोनों मुलकोें में जंग छिड़ जाती है।

अब हम इस जंग के बारे में बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि एक बार फिर से यही हालात इजराइल और फिलिस्तीन के बीच बने हैं। 5 अप्रैल को रमजान के पाक महीने में एक बार फिर इजराइल की पुलिस अल-अक्सा मस्जिद में घुसी है। इसके बाद से दोनों देश जंग के करने को तैयार खड़े हैं, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। अल-अक्सा मस्जिद को लेकर मुस्लिम देशों से इजराइल का विवाद 100 साल से भी ज्यादा पुराना है।

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सबसे पहले बताते ताजा विवाद
दरअसल,5 अप्रैल की सुबह यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में करीब 20 हजार लोग ईशा की नमाज अता कर रहे थे। कानून के मुताबिक नमाज पढ़ने के बाद वहां मस्जिद के अंदर ठहरने की इजाजत नहीं थी, लेकिन सैकड़ों लोग मस्जिद से बाहर नहीं निकले।
इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इन लोगों को मस्जिद से निकालने के लिए छापेमारी शुरू कर दी, जिसके बाद अंदर बैठे कुछ लोग विरोध और पत्थरबाजी करने लगे। फिर भारी संख्या में पुलिस के जवान मस्जिद में घुस गए। अलजजीरा टीवी ने दावा किया है कि पुलिस ने मस्जिद के अंदर रॉकेट और ग्रेनेड से हमले किए। पुलिस ने करीब 350 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

इजराइली पुलिस ने अपने बयान में कहा कि उन्हें खबर मिली थी कि मस्जिद के अंदर कुछ नकाबपोश पटाखे, लाठी और पत्थर लेकर जा रहे थे। इसलिए वहां छापेमारी की गई। इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर फिलिस्तीन ने इजराइल के ऊपर रॉकेट दागने शुरू कर दिए हैं। जवाब में इजराइल भी फिलिस्तीन पर बम गिरा रहा है। इसके बाद से ही इजराइल फिलिस्तीन के बीच जंग जैसे हालात हो गए हैं।

दुनिया के तीन धर्मों का अनोखा संगम है यरूशलम शहर
यरूशलम दुनिया की एकमात्र ऐसी जगह है जहां दुनिया के तीन बड़े धर्म इस्लाम, ईसाई और यहूदी अपना पवित्र स्थल होने का दावा करते हैं। इन तीनों धर्मों को अब्राहमिक धर्म इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये सभी एकेश्वरवादीं यानी सिर्फ एक ईश्वर को मानते हैं।

अल अक्सा मस्जिद को इस्लाम में मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसे पाक स्थल बताया गया है। वहीं, यहूदियों के लिए इसी जगह पर करीब 1000 ईसापूर्व में बने माउंट टेंपल की बची सिर्फ एक दीवार श्वेस्ट वॉलश् सबसे पवित्र जगह है। इसके अलावा ईसाई धर्मग्रंथ न्यू टेस्टामेंट के अनुसार इसी जगह पर ईसा मसीह ने अपना उपदेश दिया था। यहीं उन्हें सूली पर चढ़ाया गया था और फिर यहीं वो अवतरित भी हुए थे। यरूशलम शहर के बीच में प्राचीन शहर है जिसे श्ओल्ड सिटीश् के नाम से जानते हैं। यहीं पर अल अक्सा मस्जिद परिसर के अलावा ईसाइयों के इलाके में द चर्च ऑफ द होली सेपल्कर है। अब देखना है कि दोनों देशों के बीच होती है या नही।

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