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लंपी से दहशत…. जाने क्या है लंपी और कैसे हुई इसकी उत्पत्ति

लंपी स्किन वायरस को लेकर 15 से अधिक राज्यों में पशुओं के बीच बीमारी फैल रही है। अब तक 15 राज्यों में पहले लंपी स्किन वायरस से एक लाख से अधिक गायों की मृत्यु हो चुकी है। 20 लाख से ज्यादा गोवंश इस वायरस से प्रभावित हैं। अब तक सबसे ज्यादा राजस्थान में लंपी स्किन वायरस से गायों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञ बताते हैं कि साढे तीन करोड़ गाय अतिसंवेदनशील श्रेणी में चिन्हित की गई है। केंद्र सरकार ने टीकाकरण अभियान तेज कर दिया है ताकि यह वायरस गाय पर असर ना करें।

केंद्रीय मत्स्य पशुपालन व डेरी राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान ने कहा कि लंपी स्किन वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान को रूटीन में शामिल करने पर विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि बकरियों को लगाए जाने वाला टीका गोटपाॅक्स का लंपी वायरस के खिलाफ शत प्रतिशत कारगर पाया गया है। राज्यों को एक करोड़ 38 लाख 58 हजार टीके की खुराक उपलब्ध कराई जा चुकी है। और करीब डेढ़ करोड़ खुराक राज्यों को उपलब्ध कराई जानी है 4 करोड़ खुराक अक्टूबर तक केंद्र राज्यों को भेजेंगा।

यूपी में 33 हजार से अधिक गाय संक्रमित
उत्तर प्रदेश चैथा राज्य है जहां लंपी स्किन वायरस फैला है अब तक 33000 से अधिक गाए इस वायरस की चपेट में आ चुकी है। इस संबंध में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली के डायरेक्टर केपी सिंह का कहना है कि रिंग वैक्सीन इस वायरस पर कारगर साबित हो रही है। इस वायरस से पशुओं में 5प्रतिशत की मृत्यु दर पाई गई है यानी 100 में से 95 गोवंश ठीक हो जाते हैं। कुछ स्थानों पर 10 प्रतिशत तक की मृत्य दर की खबरें आ रही है।

वायरस की कैसे हुई उत्पत्ति
लंपी स्किन वायरस को लेकर तरह-तरह की खबरें फैल रही है दरअसल यह वायरस पहली बार 1929 में जांबिया में पाया गया। इसके बाद 1980 में साउथ अफ्रीका के विभिन्न इलाकों में इस वायरस से संक्रमित पशु मिलने शुरू हो गए। सन 2016 में लंपी स्किन वायरस रूस और साउथ ईस्ट यूरोप में पशुओं पर कहर बरपा रहा था। 2019 में बांग्लादेश फिर चीन और अब भारत में यह वायरस पशुओं में फैल रहा है।
ऐसे में लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल भी उठ रहे हैं सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या लंपी स्किन वायरस से प्रभावित गाय का दूध पीना चाहिए या नहीं
सवाल का जवाब देते हुए विशेषज्ञ बताते हैं कि संक्रमित गाय का दूध पीना इंसान के लिए खतरनाक हो सकता है लेकिन दूध को अधिक से अधिक तापमान पर उबाल कर पीऐ ताकि उस में मौजूद सभी कीटाणु मर जाएं यदि कच्चा दूध पिएंगे तो यह वायरस इंसानों पर भी असर दिखाएगा।

वायरस का असर कारोबार पर भी
जिस तरह से कोरोना काल में कोविड-19 वायरस का असर कारोबार पर पड़ा। ठीक वैसे ही लंपी स्किन वायरस दूध कारोबारियों पर सीधे असर डाल रहा है यानी दूध का कारोबार प्रभावित हो रहा है इससे कारोबार करने वालों का जीवन भी संकट में आ रहा है। क्योंकि कुछ परिवार ऐसे हैं जो दूध बेचकर ही जीवन यापन करते हैं उन पर पैसा केवल दूध बिकने से आता है ऐसे में यह परिवार भी अप्रत्यक्ष तौर पर संकट झेल रहे हैं

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