पीसी गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। ऐसा लगता है कि पुलिस मामले की जांच कछुए की चाल से कर रही है। या यूं कहें कि राजनीतिक दबाव में जांच चल रही है।
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में हुए घोटाले को लेकर पुलिस रडार पर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियां आ चुकी है। एक्सप्रेस-वे के किनारे मथुरा में हुए 126 करोड़ के जमीन घोटाले के मामले में नामजद 26 आरोपियों में से 25 की लोग आज भी बाहर घूम रहे है। इस मामले में केस दर्ज होने के बाद 22 जून को पुलिस ने रि. आईएएस अधिकारी व पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीसी गुप्ता को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान छह फर्जी कंपनियां चिन्हित की गई हैं और इनको नोटिस भेजा गया है। ये सभी कंपनियां केवल घेटाले के लिए खोली गई थी।
मालूम हो कि मथुरा में 126 करोड़ के जमीन घोटाले के मुख्य आरोपी व रि. आईएएस अधिकारी व पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीसी गुप्ता समेत 21 लोगों के खिलाफ तीन जून को कासना पुलिस ने केस दर्ज किया था।
इसके बाद इसमें पांच व आरोपियों के नाम जोड़े गए थे। नामजद आरोपियों में कुछ प्राधिकरण के अधिकारी व कर्मचारी और अन्य पीसी गुप्ता व आरोपियों के करीबी शामिल थे। सीओ का कहना है क जांच के दौरान छह फर्जी कंपनियां चिन्हित की गई हैं और इनको नोटिस भेजा गया है। बताया जा रहा है कि इन कंपनियों के जरीए ही पहले जमीन खरीदी गइ इसके बाद जमीन को उच्च दामों पवर बेचा गया। पुलिसि ने इन कंपनियों की जानकारी कॉमर्स मंत्रालय से मांगी है।