होली पर गुजिया जरूर खाई होगी, क्या आप को मालूम है कहां से आई गुजिया

होली हो ओर गुजियों (Gujiya) की बात न हो ऐसा संभव नही है। अब बताते है कि गुजिया कहां से आई और कैसे जुबान पर चढ़ गई। दरअसल इसके बारे में नंदिता अय्यर ने अपनी किताब द ग्रेट इंडियन थाली में विस्तार से लिखा है। ये किताब पिछले सितंबर 2022 में प्रकाशित हुई थी। हम भारतीय सैकड़ों सालों से गुजिया खाते आ रहे हैं लेकिन इसके इतिहास के बारे में हमें बहुत कम पता है। इसके बारे में आमतौर पर किताबों में मिलता भी नहीं। शास्त्रों और ग्रंथों में भी इसका बहुत नाममात्र का उल्लेख हुआ।

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जरूर परोसी जाती है गुजिया(Gujiya)
होली (Holi) यानी रंगों के त्योहार की मस्ती हम सब पर छाई हुई है। इसके बाद सब जब एक दूसरे के घर पर मिलने जाते हैं, तो गुजिया जरूर परोसी जाती है, जो होली का सबसे अनिवार्य और प्रतीक मीठा पकवान है, जिससे मुंह मीठा किया जाता है। होली के समय गुझिया देश का राष्ट्रीय पकवान बन जाता है। इसे गुजिया, गुझिया और कई दूसरे नामों से संबोधित किया जाता है। होली में अगर घर पर गुजिया ना बने तो त्योहार की परंपरा पूरी नहीं होती। होली पर कोई पार्टी या कोई भी दावत इसके बगैर अधूरी है. मैदे के अर्धचंद्राकार आवरण के अंदर भुने हुए खोया के साथ ड्राईफ्रूट्स मिला लजीज स्वाद।

क्या आपने कभी ये सोचा कि पहली गुजिया कब और कैसे बनी होगी। ये विशुद्ध भारतीय व्यंजन है, जिसका होलीकरण हो चुका है। ऐसा व्यंजन जो होली के रंगोंत्सव के साथ पूरक है। क्या ऐसा तो नहीं कि भारत में आए ज्यादातर व्यंजनों की तरह ये भी कहीं विदेश से यहां आई और फिर यहीं के रंग में रंग गई।

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मेवा और ड्राईफ्रूट्स का स्टफ
गुजिया (Gujiya)  में अगर बाहर मैदे की परत होती है तो अंदर दूध से बने खोए, नारियल के बुरादे और कई तरह के ड्राईफ्रूट्स का परफेक्ट संगम. घरों में पहले खोया, नारियल और मेवों को काटकर उन्हें मिलाते हैं और फिर कढाई में डालकर हल्का हल्का भूनते हैं। इस तरह ये गुजिया के अंदर का मिश्रण तैयार हो चुका हैवैसे आपको बता दें कि जहां पहले सिर्फ मावा भरावन वाली गुजिया होती थी वहीं अब सूजी, बेसन, ड्राई फ्रूट्स, मूंग दाल जैसी कई चीजों से स्टफिंग की जा रही है जो इसका स्वाद अलग बना देती है। मावा के साथ कभी कभी हरा चना, मेवा या दूसरे खाद्य पदार्थ मिलाकर मसलन जैसे अंजीर या खजूर की गुजिया भी बनाई जाती हैं। कहीं कहीं अब हेल्थ के प्रति जागरूक लोग इसमें अंदर की फीलिंग केवल ड्राईफ्रूट्स की लेने लगे हैं। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि गुजिया के भी भांति भांति के रूप हो चुके हैं।

किस राज्य में कैसे करते है सबोधित
इसे छत्तीसगढ़ राज्य में कुसली, महाराष्ट्र में करंजी, बिहार में पिड़की, गुजरात में घुघरा, कर्नाटक में करिगाडुबु, तमिलनाडु में सोमासी और आंध्र प्रदेश में कज्जिकयालु कहते हैं। उत्तर भारत में होली तथा दक्षिण भारत में दीपावली के अवसर पर घर में गुझिया बनाने की परंपरा है।

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