घटना का पृष्ठभूमि
यह सब कुछ सहारनपुर के गंगोह इलाके के छापुर (कुराली-छापुर) गांव में हुआ, जहां हाल ही में शिव-लक्ष्मी मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। इकरा हसन इस मामले की जांच और ग्रामीणों से बात करने के लिए गांव पहुंचीं। उन्होंने मंदिर पहुंचकर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “मंदिर या किसी भी आस्था की जगह को खंडित करना बर्दाश्त के काबिल नहीं है। महिलाओं के चरित्र, धर्म और बिरादरी के खिलाफ जिस तरह की भाषा का उपयोग किया गया, क्या हम देश में यह संदेश दे रहे हैं कि हमारा समाज ऐसा है?” उन्होंने घटना को समाज के लिए गलत संदेश बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
इकरा ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों को इस मामले में जेल भेजा गया है, उन्हें उन्होंने कभी समर्थन नहीं दिया। अगर किसी और की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भी कड़ी सजा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग धर्म के नाम पर समाज को बांटने की राजनीति कर रहे हैं और ऐसे तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अपमान और गालियों का मामला
इकरा हसन ने दावा किया कि उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है। एक वायरल वीडियो में कुछ बाइक सवार युवक उन्हें ‘मुल्ली’ कहते हुए दिखाई दिए और खुलेआम फायरिंग की धमकी भी दी। पुलिस ने इस मामले में एक नामजद और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। इकरा ने आरोप लगाया कि यह सब एक ‘बड़े नेता’ के इशारे पर हो रहा है, जो इलाके के ही हैं। उन्होंने कहा कि उनके परिवार पर कभी व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं हुई थी, लेकिन अब राजनीति का स्तर गिर गया है।
भावुक पल: क्यों रोईं इकरा हसन?
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए इकरा हसन भावुक हो गईं और रो पड़ीं। उन्होंने हाथ जोड़कर कहा, “मुझे गालियां देना सिर्फ मेरा नहीं, इस पूरे इलाके की महिलाओं का अपमान है। मेरे इलाके की जितनी भी बेटियां हैं, जो मुझे कहती थीं कि वह भी आगे बढ़ना चाहती हैं, उन सबके कदम इससे डगमगाएंगे।” उन्होंने खुद को ‘आपके समाज की बेटी’ बताते हुए अपील की, “क्या मैं आपके समाज की बेटी नहीं हूं? मुझे कहा जाता है कि इन्होंने तो अपना धर्म बदल दिया था। मेरी बिरादरी मेरे खून में शामिल है। आप चाहो तो मेरा खून निकाल लो, लेकिन मेरे समाज का या मेरा सिर इस तरीके से मत झुकाओ।”
उन्होंने अपनी चुनावी जीत का जिक्र करते हुए कहा, “मैं जब चुनाव जीती थी तो मैं इतनी खुश थी, क्योंकि मुझे सर्वजाति और सर्वधर्म के लोगों ने अपना वोट दिया था। मेरे लिए इससे बड़ी उपलब्धि कोई नहीं थी। मुझपर लगातार सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन मैंने कभी धर्म और बिरादरी की राजनीति नहीं की। मेरे लिए सब मेरे अपने हैं।”
इकरा ने गुस्से में कहा, “जो समाज को तोड़ेंगे, उन्हें मैं कभी नहीं छोड़ूंगी।” उन्होंने जोर दिया कि वे मुसलमानों की बातें करना आसान समझती हैं, लेकिन वे हिंदू-मुस्लिम विवाद पैदा नहीं करना चाहतीं। “आप सब मेरे अपने हैं। जिन लोगों को आजकल महापुरुष की उपाधि दी जा रही है, ये महापुरुष नहीं हैं जो समाज को तोड़ रहे हैं।”
राजनीतिक प्रभाव
इस घटना ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। इकरा हसन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, और लोग उनके भावुक बयान की चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक कोई विशिष्ट कार्रवाई या जांच की खबर नहीं आई है। इकरा ने स्पष्ट किया कि वे धर्मनिरपेक्षता बनाए रखने पर जोर देंगी और समाज को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाएंगी।
यह घटना यह दिखा रही है कि राजनीति में व्यक्तिगत अपमान और धार्मिक विभाजन की कोशिशें कितनी गहरी हैं, लेकिन इकरा हसन जैसे नेता समावेशिता की बात कर रहे हैं। मामले पर आगे की अपडेट का इंतजार है।

