Plane crash में वैगनर प्रमुख की मौत के बाद क्या करेंगे वेगनर लड़ाके, तो जानिए क्या रूस का देंगे साथ
नई दिल्ली। निजी सैन्य संगठन वेगनर ग्रुप की उपस्थिति सीरिया की प्राचीन युद्ध भूमि से लेकर उपसहारा अफ्रीकी क्षेत्र तक है, जो निजी सैनिकों के साथ क्रेमलिन के वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है। हालांकि, एक निजी विमान दुर्घटना में वैगनर प्रमुख की मौत की खबर के बाद इस बात की चर्चा है कि इसके सैनिक अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। अब तक वैगनर समूह येवगेनी प्रिगोझिन के अधीन रहा। इस हफ्ते की शुरुआत में जारी किए गए वीडियो में प्रिगोझिन किसी अज्ञात सूखे और धूल भरे मैदान में असॉल्ट राइफल के साथ सैन्य वर्दी में दिख रहे हैं। यह उनका आखिरी वीडियो भी हो सकता है। वैगनर पर क्रूर बलों का इस्तेमाल करने और जब्त की गई खनिज संपदा से मुनाफा कमाने का आरोप है।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रिगोझिन के निधन से निश्चित रूप से वैगनर समूह पर गहरा और अस्थिर करने वाला प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने वेगनर के भविष्य के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। प्रिगोझिन ने वर्ष 2014 में वैगनर समूह की स्थापना की थी जिसका मकसद केवल रूसी के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाना नहीं था। सीरिया, लीबिया, सूडान और अन्य जगहों पर समूह के ठेकेदारों ने खुद को समृद्ध करने के लिए उन देशों की खनिज और ऊर्जा संपदा का दोहन किया। मध्य अफ्रीकी गणराज्य के विधायक और विपक्षी नेता मार्टिन जिगुएले ने कहा कि वैगनर समूह सोने का खनन, लकड़ी और अन्य उद्योगों में सक्रिय थे, वह भी बिना कर चुकाए। उन्होने कहा कि हम केवल यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यह लूटपाट है।
निजी सैनिक उपलब्ध कराने वाले वेगनर समूह के प्रमुख प्रिगोझिन और उनके सहयोगियों को लेकर जा रहा निजी जेट मॉस्को के उत्तर पश्चिम में बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सत्ता को चुनौती देने वाले सशस्त्र विद्रोह का प्रिगोझिन के नेतृत्व करने के 2 महीने बाद यह घटना घटी। बड़े पैमाने पर ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि विद्रोह के कारण प्रिगोझिन को हत्या के इरादे से निशाना बनाया गया। हालांकि, क्रेमलिन ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है। इस दुर्घटना ने प्रिगोझिन की निजी सेना वेगनर समूह के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसने मॉस्को में सैन्य नेतृत्व के खिलाफ अपने संक्षिप्त विद्रोह से पहले यूक्रेन में रूसी सेना के साथ लड़ा था।
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अफ्रीकी देशों में जहां वेगनर ने अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे समूहों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की थी, अधिकारियों और टिप्पणीकारों का अनुमान है कि वहां रूस बलों को नया नेतृत्व प्रदान करके संभवतः अपनी उपस्थिति बनाए रखेगा। हालांकि, अन्य लोगों का कहना है कि प्रिगोझिन ने गहरे और व्यक्तिगत संबंध बनाए थे। उनकी जगह तुरंत किसी और को तैनात करना मॉस्को के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अफ्रीका रूस के लिए आर्थिक और राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। इस साल गर्मी के दौरान वेगनर ने मध्य अफ्रीकी गणराज्य में एक राष्ट्रीय जनमत संग्रह सुनिश्चित करने में मदद की जिसने राष्ट्रपति की शक्ति को मजबूत किया। यह सशस्त्र विद्रोहियों से लड़ने में माली की सेना का प्रमुख भागीदार है। इसने नाइजर में सैन्य जुंटा से संपर्क किया जो तख्तापलट के बाद इसकी सेवाएं चाहता है।
प्रिगोझिन की मौत को लेकर संशय
रूसी अधिकारियों ने प्रिगोझिन की मौत की पुष्टि के लिए ‘डीएनए’ परीक्षण के नतीजों का इंतजार करने की जरूरत का हवाला दिया है, लेकिन पुतिन ने आसमान से जेट गिरने के बाद संवेदना व्यक्त की है। क्रेमलिन की वेबसाइट पर शुक्रवार देर रात प्रकाशित और तुरंत प्रभावी आदेश के अनुसार, रूसी नेता ने वेगनर समूह के सैनिकों को रूसी सरकार के प्रति निष्ठा की शपथ पर हस्ताक्षर करने का आदेश दिया है। यह आदेश क्रेमलिन की ओर से पश्चिमी अधिकारियों और समाचार मीडिया के उन सुझावों को खारिज करने के बाद आया। इसमें कहा गया था कि पुतिन के आदेश पर वेगनर नेता की हत्या की गई होगी।
क्रेमलिन को नए सहयोगियों की तलाश
संबंधों का विस्तार करना और अफ्रीका में पश्चिमी प्रभाव को कम करना इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, क्योंकि यूक्रेन से युद्ध के बीच क्रेमलिन को नए सहयोगियों की तलाश है। यहां वेगनर बलों ने भी महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने में मदद की थी। अफ्रीका के 54 देश संयुक्त राष्ट्र में सबसे बड़ा मतदान समूह हैं और मॉस्को ने अपने हमले के प्रति उनका समर्थन जुटाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा, ‘वेगनर के सैनिक अस्थिरता पैदा कर रहे हैं। हमने अफ्रीका के देशों को उनकी उपस्थिति के साथ-साथ उनके कार्यों की निंदा करने के लिए प्रोत्साहित किया है।’
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अफ्रीकी देशों में काफी एक्टिव वेगनर लड़ाके
विद्रोह के बाद पुतिन और प्रिगोझिन में हुए समझौते के तहत वैगनर के लड़ाके माफी मिलने के बदले बेलारूस चले गए। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि नाइजर में हुए तख्तापलट में रूस या वैगनर की कोई भूमिका थी। आशंका है कि क्रेमलिन पश्चिम अफ्रीका में पश्चिमी देशों को कमजोर करने के लिए इसका फायदा उठा सकता है। माली में भाड़े के सैनिक सक्रिय हैं और बुर्किना फासो में भी उनकी संदिग्ध उपस्थिति है। नाइजर के निवासियों का कहना है कि प्रिगोझिन की कथित मौत रूस को अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करने से नहीं रोक पाएगी। नियामी की दर्जी बाराउ सुलेमानिन ने कहा, ‘हमारा मानना है कि रूस यहां अपना आधार बनाना चाहता है और लोकप्रिय होना चाहता है। यह स्पष्ट है कि वे यहां रहना चाहते हैं।’