Jan Dhan Accounts की संख्या हुई 50 करोड़, अब सभी खाताधारकों के इंश्योरेंस का लक्ष्य
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Jan Dhan Accounts की संख्या हुई 50 करोड़, अब सभी खाताधारकों के इंश्योरेंस का लक्ष्य

नई दिल्ली। पिछले आठ सालों में जन धन योजना के तहत बैंक खातों की संख्या 15 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ से अधिक हो गई है। वित्तीय समावेश के उद्देश्य से नौ साल पहले 28 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत की गई थी। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव विवेक जोशी ने बताया कि पिछले आठ सालों में जन धन खातों की संख्या में 3.34 गुना तो खातों की जमा राशि में 13 गुना बढ़ोतरी हुई है। 2015 के 31 मार्च तक जन धन योजना के तहत 14.72 करोड़ खाते खोले गए थे, जिनकी संख्या इस साल 16 अगस्त तक 50.9 करोड़ हो चुकी है। वर्ष 2015 के मार्च में जन धन खातों में सिर्फ 15,670 करोड़ रुपए जमा थे। इस साल 16 अगस्त तक जन धन खाते में 203,505 करोड़ रुपए जमा थे।

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बैंकों की तरफ से चला जा रहे अभियान
उन्होंने बताया कि सरकार अब इन सभी खाताधारकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) जैसी माइक्रो इंश्योरेंस स्कीम से जोड़ने की कोशिश कर रही है। इस काम के लिए बैंकों की तरफ से समय-समय पर अभियान भी चलाए जा रहे हैं और गांव के स्तर पर इन खाताधारकों को इसकी पूरी जानकारी भी दी रही है।

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इन योजनाओं से जुड़े इतने करोड़ ग्राहक
उन्होंने बताया कि पीएमजेजीबीवाई स्कीम से 17.63 करोड़ खाताधारक जुड़ चुके हैं जबकि पीएमएसबीवाई से 38.45 करोड़ खाताधारक जुड़े हैं। जन-धन खाताधारकों को डिजिटल भुगतान के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है और इस काम के लिए उन्हें रुपे डेबिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं। इस साल 16 अगस्त तक कुल 50.9 करोड़ खाताधारकों में से 33.98 करोड़ खाताधारकों को रुपए डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

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क्या है जन-धन खाता?
जन-धन खाता जीरो बैलेंस खाता है, मतलब इस खाते में एक न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं होती है। जन-धन खाताधारकों को विभिन्न प्रकार की सूचना मुहैया कराने के लिए जन धन दर्शक एप (जेडीडी) एप भी जारी किया गया है। इस एप के जरिए खाताधारकों को पास के एटीएम से लेकर बैंकों की शाखा के साथ पोस्ट ऑफिस के बारे में जानकारी मिल सकेगी। बैंक को यह पता लग सकेगा कि किन-किन जगहों पर अब तक बैंकिंग खाते नहीं खोले गए हैं।

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