Weather Update: आखिर दिल्ली एनसीआर में क्यों नहीं पड़ती बर्फ
Weather Update: दिल्ली में कड़ाके की ठंड रिकार्ड तोड़ रही हैं। मौसम विभाग ने आज 12 जनवरी को दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी की आशंका जताई है। इससे न्यूनतम तापमान और गिर सकता है, ठंड में बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विभाग ने 12 और 13 जनवरी के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है।
मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बताया कि दिल्ली समेत उत्तर भारत के 5 राज्य शीतलहर की चपेट में हैं। दिल्ली के कई पिछले एक सप्ताह के दौरान न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से भी कम रिकॉर्ड किया गया। जो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई मशहूर हिल स्टेशन के मुकाबले भी कम था। बीते हुए सोमवार को शिमला का न्यूनतम तापमान 10.3 डिग्री, मनाली का 6 डिग्री, कांगड़ा का 8.9 डिग्री, मसूरी का 11.3 डिग्री, नैनीताल का 6 डिग्री, मुक्तेश्वर का 7.6 डिग्री और डलहौजी का तापमान 9 डिग्री था। जबकि 9 जनवरी को दिल्ली का तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि इससे एक दिन पहले 8 जनवरी को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस था।मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पहाड़ी इलाकों के मुकाबले दिल्ली में ज्यादा ठंड के पीछे पश्चिमी विक्षोभ जिम्मेदार है। इस बार दो पश्चिमी विक्षोभ के बीच ज्यादा गैप होने की वजह से ज्यादा ठंडी हवाएं चल रही हैं।
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Weather Update: इससे न्यूनतम तापमान में गिरावट आ रही है। मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि दिल्ली में जिस तरीके से शीतलहर चल रही है, उसके पीछे पश्चिमी विक्षोभ के बीच असामान्य गैप है। जिससे पूर्वोत्तर के हिमालयी पहाड़ों से ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों तक पहुंचती हैं। सामान्यतरू दो पश्चिमी विक्षोभ के बीच 3 से 4 दिन का गैप होता है, लेकिन इस बार 7 दिनों का गैप रहा। पहला पश्चिमी विक्षोभ 31 दिसंबर को देखा गया, उसके बाद 7 जनवरी को आया।दिल्ली का न्यूनतम तापमान तमाम हिल स्टेशन के मुकाबले कम होने के बावजूद आखिर यहां बर्फ क्यों नहीं पड़ती? भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रंजीत सिंह का कहना है कि दिल्ली एक ड्राई स्टेट यानी सूखा शहर और मैदानी इलाका है। बर्फबारी में ऊंचाई का अहम रोल होता है। जमीन से एक किलोमीटर उपर जाने पर तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है। जिस जगह की ऊंचाई 3-4 किमी होगी, वहां का तापमान ऐसे ही 17-18 डिग्री कम हो जाएगा। जितनी ऊंचाई पर जाएंगे वहां, तापमान और कम होता जाएगा। यही कारण है कि पहाड़ी इलाकों में बर्फ पड़ती है और मैदानी इलाके बस ठंड तक सीमित रह जाते है।