Waqf Amendment Bill: लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक का जोरदार विरोध किया है। उन्होंने सरकार को साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह विधेयक अपने मौजूदा स्वरूप में पारित हुआ, तो इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी। ओवैसी का कहना है कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और समानता की गारंटी देते हैं।
औवेसी ने अपने संबोधन में कहा
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान ओवैसी ने तीखे तेवर अपनाते हुए कहा, “मैं सरकार को सावधान कर रहा हूं और चेतावनी दे रहा हूं कि यदि आप इस विधेयक को मौजूदा स्वरूप में पास करते हैं, तो इसका गंभीर असर होगा। यह मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और हम अपनी वक्फ संपत्ति का एक इंच भी नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक देश को पीछे धकेलने का प्रयास है और इससे समाज में असंतोष बढ़ेगा। ओवैसी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार को यह तय करना होगा कि वह देश को आगे ले जाना चाहती है या 80-90 के दशक में वापस धकेलना चाहती है। उन्होंने कहा, “हम भी चाहते हैं कि भारत विकसित राष्ट्र बने, लेकिन क्या वक्फ संपत्तियों को लेकर ऐसे विवाद खड़ा करके देश आगे बढ़ेगा? सरकार को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी।”विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक के खिलाफ अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन, मोहम्मद जावेद और इमरान मसूद के अलावा टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और नदीमुल हक, डीएमके के ए. राजा और एमएम अब्दुल्ला ने संसदीय समिति में असहमति नोट पेश किया है।
लगाए जा रहे तीखे आरोप
यहा ये जानना भी जरूरी है कि इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर तीखे आरोप लगाए हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और ।प्डप्ड समेत कई दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार इस विधेयक के जरिए वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता खत्म करना चाहती है। उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संरचना को कमजोर करने की कोशिश है।
14 संशोधनों को मिली मंजूरी
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है। समिति की बैठक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने प्रस्तावित 14 संशोधनों को बहुमत से पास कर दिया। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि 16 सदस्यों ने इन संशोधनों का समर्थन किया, जबकि 10 ने विरोध जताया।
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