MBBS Colleges में दाखिला दिलाने के नाम पर करते थे ठगी

MBBS Colleges:  नीट की परीक्षा में फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी एमबीबीएस कॉलेजों में दाखिला दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना 25- 25 हजार के तीन शातिर जालसाज को गिरफ्तार कर इनके पास से 19 लाख रुपए नगद ,एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, सहित 10 से 12 लॉक रुपए की ज्वेलरी बरामद की है। पकड़े गए अभियुक्तों ने सैकड़ों लोगों के साथ ठगी करना स्वीकार किया है।
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा विशाल पांडे ने बताया कि सेक्टर-63 के थाना प्रभारी अमित कुमार मान और उनकी टीम ने तीन ऐसे जालसाजो को गिरफ्तार किया है, जो सरकारी एमबीबीएस कॉलेजों में दाखिला दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। एडिशनल डीसीपी ने बताया कि नीट की परीक्षा 2022 में जो युवक शामिल नहीं किए गए थे।  उनका डाटा कलेक्ट कर जालसाजों ने उनके परिजनों से संपर्क कर प्रत्येक युवक को परीक्षा में बैठने के लिए 15 से 20 लाख रुपए वसूल किए।

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पकड़े गए अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ अजय अरुण पुत्र धनंजय सिंह निवासी ग्राम महादेवा थाना माली जिला औरंगाबाद बिहार तथा अभिषेक आनंद उर्फ सुनील पुत्र अजीत कुमार निवासी मकान नंबर 193 मानस मार्ग नॉर्थ क्वेश्चन पुरी पटना बिहार तथा मोहम्मद जुबेर उर्फ रिजवान हक पुत्र शेर मोहम्मद को गिरफ्तार कर, मौके से 19 लाख रुपए नगद तथा करीब 10 से 12 लाख के आभूषण आदि सामान बरामद किया।
ऐसे फंसाया जाल में
MBBS Colleges: एडिशनल डीसीपी ने बताया कि आरोपितों ने सेक्टर-63 के डी ब्लाक में कैरियर जंक्शन नाम की एक कंपनी खोली थी। कंपनी में बैठकर जालसाज ऐसे छात्रों का डाटा निकालते थे, जिन्होंने नीट की परीक्षा दी हो, लेकिन उत्तीर्ण नहीं हुए हैं। जालसाज ऐसे छात्रों और उनके अभिभावकों से संपर्क करते थे और उन्हें सरकारी कालेज में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने का झांसा देते थे। झांसे में लेने के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों से 15 से 30 लाख रुपये वसूल लेते थे। 80 प्रतिशत नकदी और 20 प्रतिशत पैसा आनलाइन माध्यम से लिया जाता था। पैसे ट्रांसफर कराने के बाद आरोपित छात्रों को किसी कालेज का फर्जी एलाटमेंट लेटर प्रदान करते थे और निर्धारित तिथि पर एडमिशन के लिए जाने के लिए बोला जाता था। उस तिथि के ठीक एक दिन पहले आरोपित आफिस बंद करके फरार हो जाते थे। संबंधित कालेज में काउंसलिंग के लिए जाने पर छात्रों को ठगी की जानकारी होती थी।

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