जीवाश्म इंधनों के इस्तेमाल ने ग्लोबल वार्मिंग का संकट: डॉ एससी अग्रवाल

modinagar news  डॉक्टर केएन मोदी साइंस एंड कॉमर्स कॉलेज में प्रधानाचार्य डॉक्टर सतीश चंद्र अग्रवाल के अध्यक्षता में मंगलवार को पृथ्वी दिवस मनाया गया।
प्रधानाचार्य डॉक्टर एस सी अग्रवाल ने बताया कि जीवाश्म इंधनों के अति इस्तेमाल ने ग्लोबल वार्मिंग का संकट खड़ा कर दिया है। आज 5 लाख करोड़ प्लास्टिक बैग 1 वर्ष में इस्तेमाल किए जा रहे हैं और 10 लाख प्लास्टिक बोतल खरीदी जाती हैं। प्रति मिनट दुनिया भर में 10 करोड़ टन प्लास्टिक समुद्र में पहुंच गया है। हमें बहुत सजग रहने की आवश्यकता है। छात्रों को संकल्प दिलाया कि आप समाज में अपने परिवारों में यह पांच काम करने के लिए लोगों को जल संरक्षण , कचरे का उचित प्रबंधन करने के लिए जागरूक करें। वायु प्रदूषण कम करें, कैमिकल के इस्तेमाल में कमी करें, बिजली के इस्तेमाल में कमी करें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए। क्योंकि शोध में यह स्पष्ट हो गया है कि हरित क्षेत्र बढ़ाने से शहरों और कस्बों में सतह का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस कम हो सकता है । इंसान जन्म के बाद अपनी माता के बिना रह सकता है लेकिन पृथ्वी माता और प्राकृतिक चीजों के बिना एक क्षण भी जीवित नहीं रह सकता। हम अपनी जरूरत के लिए प्राकृतिक संसाधनों का बहुत तेजी से दोहन कर रहे हैं अगर इनका संरक्षण नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ी को पृथ्वी जीवित रहने के लिए कुछ नहीं दे पाएगी।
धरती बचाने के लिए जारी प्रयासों में आप सबका अहम योगदान दे सकते हैं । भारत के पास विश्व की मातृ 2.5 प्रतिशत भूमि है तथा करीब 6 प्रतिशत जल संसाधन है, जबकि यहां विश्व की करीब 18 प्रतिशत आबादी निवास करती है। भारत बड़ी आबादी की जरूरत को पूरा करने के साथ जलवायु परिवर्तन से लड़ने के प्रयासों में अपनी भूमिका प्रभावी तरीके से निभा रहा है। आज हमारा देश अपनी उर्जा जरूरतों के लिए स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। रसायन मुक्त कृषि को बढ़ावा देने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बच्चों को कक्षाओं में भी पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधनो का संरक्षण करने के लिए जागरूक किया गया।
इस मौके पर टीपी सिंह , विनीत कुमार, अजय कुमार ,राजीव कुमार ,तेजवीर सिंह ,कामिन सतीश कुमार अनिल कुमार मयंक कुमार समेत छात्र और सभी शिक्षक मौजूद रहे।

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