UNESCO-India-Africa Hackathon 2022: सामाजिक, पर्यावरणीय और तकनीकी समस्याओं के समाधान एक साथ मिलकर खोजेंगे: धनखड़
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UNESCO-India-Africa Hackathon 2022: सामाजिक, पर्यावरणीय और तकनीकी समस्याओं के समाधान एक साथ मिलकर खोजेंगे: धनखड़

गौतम बुध यूनिवर्सिटी में आज यूनेस्को-इंडिया-अफ्रीका हैकथॉन 2022 का समापन हो गया। 36 घंटे तक चली है हैकथाॅन में अफ्रीकन मूल के छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिरकत की। जगदीप धनखड े छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अफ्रीका और भारत के बीच संबंध बेहद पुराने हैं उन्होंने कहा कि गांधी जी ने अफ्रीका में नए-नए प्रयोग किए थे और उनको फिर भारत में भी प्रयोग किया जिस तरह से दोनों देशों के बीच संबंध है। उन्होंने कहा कि यूनेस्को इंडिया अफ्रीका हैकथॉन के समापन सत्र में शामिल होना वास्तव में प्रसन्नता की बात है,

उन्होंने हैकथॉन के विजेताओं को बधाई दी और इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 600 प्रतिभागियों की सराहना की। उन्होंने कहा हैकथॉन एक ऐसा आयोजन है जहां लोग 24-48 घंटों के कम समय में तीव्र और सहयोगी इंजीनियरिंग में संलग्न रहते हैं। हैकथॉन का लक्ष्य घटना के अंत तक कार्यशील सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर बनाना है। यह युवा नवोन्मेषकों को एक साथ आने, सामाजिक, पर्यावरणीय और तकनीकी समस्याओं के समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करने का एक अद्भुत मंच प्रदान करता है। जिसमें भारत और अफ्रीका के हमारे मित्र देशों के युवा उद्यमियों के प्रतिभाशाली समूह शामिल है। इस हैकथाॅन में अफ्रीका के 22 देशों के 350 से अधिक छात्रों की भागीदारी इसकी सफलता का सूचक है। उन्होंने कहा कि यूनेस्को भारत अफ्रीका हैकथॉन 36 घंटे तक लगातार चलने वाला हेकथाॅन है, जो उल्लेखनीय रूप से छात्रों, शिक्षकों और भारत के अनुसंधान समुदाय और इसके अफ्रीकी भागीदारों को उनके देशों के सामने आने वाली आम चुनौतियों का समाधान करने और उनसे निपटने के लिए एक साथ लाता है।

यह तंत्र सांस्कृतिक सम्मेलन के लिए एक सूत्रधार के रूप में भी पूरी तरह से कार्य करता है तथा दुनिया को बदलने की क्षमता वाले स्टार्ट-अप के निर्माण की नींव के रूप में भी कार्य करता है। उन्होंने कहा कि संबंधो को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कदम उठाया है। धनखड़ ने कहा कि डेमोग्राफिक डिविडेंड अफ्रीका और भारत में काफी बेहतर है जिस तरह से युवा जनसंख्या अफ्रीका में है ठीक उसी तरह भारत में भी है। धनखड़ ने यहां छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमें अपनी ताकत पहचान नहीं चाहिए तभी जाकर अन्य देशों से आगे निकल पाएंगे। कहा कि भारत और अफ्रीका उपनिवेशवाद और रंगभेद के खिलाफ सभ्यतागत जुड़ाव और सामूहिक संघर्ष के ऐतिहासिक बंधन दोनों को साझा करते हैं। हम हिंद महासागर के पड़ोसी हैं। अफ्रीका के साथ भारत के संबंधों ने महात्मा गांधी से प्रेरणा लेते हुए भारत के विश्व दृष्टिकोण में एक नैतिक दिक्सूचक के रूप में काम किया है तथा हम अफ्रीका के अपने मित्रों को हर संभव नैतिक और भौतिक समर्थन देना जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने वैश्विक शांति और सहयोग के लिए एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य का नया मंत्र दिया है।
उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम हमारे युगों पुराने लोकाचार को प्रतिध्वनित करता है। जब हम एक दुनिया, एक परिवार, एक भविष्य का आह्वान करते हैं तो हम अपने विकास को टिकाऊ बनाने के लिए भावी पीढ़ियों और ग्रामीण समुदायों के आम लोगों के हितों को शामिल करते हैं एवं सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के लिए हमारे समकालीन राष्ट्रीय प्रयास का विस्तार है। समावेशी, सहयोगात्मक प्रगति का यह आदर्श सभी स्तरों पर तेजी से क्रियान्वित हो रहा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और इस दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। भारत स्वयं विश्व में स्टार्ट-अप का तीसरा सबसे बड़ा पूल है। लगभग 75000 स्टार्ट-अप भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ा रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत ने हमेशा पूरी दुनिया एक परिवार (वसुधैव कुटुम्बकम) के विचार को सुदृढ़ किया है और यह दुनिया को एक साथ और करीब लाने के लिए वैश्विक स्तर पर हमारे प्रयासों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यूनेस्को-भारत-अफ्रीका हैकथॉन भारत के ऐसे ही सकारात्मक प्रयासों का परिणाम है। भारत दुनिया को जोड़ने तथा सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे को करीब लाने वाला, जातीयताओं और विभिन्न मान्यताओं के बीच बेहतर तालमेल बनाने की दृढ़ इच्छा रखता है। हमने कभी भी अपने पराक्रम से किसी पर अधिकार नहीं किया, लेकिन हमने हमेशा बुद्ध और योग की संस्कृति को विकसित किया है, अर्थात शांति और अच्छा स्वास्थ्य सबको मुहैया हो यही हमारी कामना रही है।
उन्होंने कहा कि यूनेस्को-भारत-अफ्रीका हैकथॉन समदृष्टि, अधिक सहयोग और विश्वास का ही परिणाम है कि भारत विकासशील देशों की आकांक्षाओं को मंच प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हैकथॉन के आयोजकों को विशेष रूप से यूनेस्को, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के नवाचार प्रकोष्ठ, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को इस भव्य कार्यक्रम को एक साथ रखने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यूनेस्को भारत-अफ्रीका हैकथॉन अपनी तरह की एक नेक पहल है और ऐसा दिव्य आयोजन उत्तर प्रदेश में पहली बार हो रहा है। इसकी ऊर्जा बेजोड़ है और क्रॉस-कल्चरल एक्सपोजर जो मैं यहां देख सकती हूँ, वह बहुत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह हैकाथॉन अफ्रीकी छात्रों को भारतीय शिक्षा और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को समझने और भविष्य में भारत में अपने उच्च अध्ययन को आगे बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करेगा। आज हम भारत में सफल स्टार्टअप के बारे में बहुत कुछ सुनते हैं और हाल ही में वे हमारे युवाओं के लिए भविष्य की अर्थव्यवस्था और अवसरों के केंद्र बिंदु के रूप में उभरने लगे हैं। स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था विभिन्न गतिविधियों को औपचारिक रूप देने के लिए एक महान उपकरण हैं और वे मानवता को जीवन के उच्च मानकों को प्राप्त करने में मदद करते हैं, जो इतने कम समय में व्यवसायों के पारंपरिक अभ्यास के साथ हासिल करना संभव नहीं है।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री भारत सरकार धर्मेन्द्र प्रधान, कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सूर्यप्रताप शाही, सांसद डा0ॅ महेश शर्मा, विधायक जेवर धीरेन्द्र सिंह, मुख्य नवाचार अधिकारी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् भारत सरकार डाॅ0 अभय जेरे, पुलिस आयुक्त आलोक सिंह, मण्डलायुक्त मेरठ मण्डल मेरठ सेल्वा कुमारी जे, जिलाधिकारी सुहास एलवाई के साथ साथ अफ्रीका के कई मंत्री और राजदूत मौजूद रहे।

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