Ukraine’s long-range drone strikes on the rise News: यूक्रेन की सेनाएं रूस के अंदर गहराई तक लंबी दूरी के ड्रोन हमलों की तीव्रता बढ़ा रही हैं, जैसा कि मॉस्को द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है। यह वृद्धि शुक्रवार को अलास्का में होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नियोजित बैठक से ठीक पहले हो रही है, जहां यूक्रेन युद्ध में संघर्ष विराम पर चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है।
मॉस्को के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अगस्त महीने में अब तक रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के 1,337 से अधिक लंबी दूरी के ड्रोनों को मार गिराया है, जो जुलाई में दर्ज किए गए हमलों से काफी अधिक है। जुलाई में रूस ने यूक्रेन पर 6,297 ड्रोन हमलों का दावा किया था, जो एक रिकॉर्ड था। हाल के दिनों में यूक्रेन के ड्रोनों ने रूस के रक्षा उद्योग सुविधाओं, तेल रिफाइनरियों और अन्य रणनीतिक स्थलों पर हमले किए हैं, जिसमें सारातोव, निज़नी नोवगोरोड और तुला जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन हमलों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो चुकी है, और कई स्थलों पर आग लगने की खबरें हैं।
दूसरी ओर, रूस भी यूक्रेन पर ड्रोन और मिसाइल हमलों को तेज कर रहा है। जुलाई में रूस ने यूक्रेन पर 6,443 ड्रोनों और मिसाइलों से हमले किए, जो एक नया रिकॉर्ड है। दोनों पक्षों के बीच यह पारस्परिक हमले यूक्रेन युद्ध को और जटिल बना रहे हैं, जो फरवरी 2022 से चल रहा है।
ट्रंप-पुतिन बैठक पर ध्यान केंद्रित करते हुए, व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन में संघर्ष विराम हासिल करना है। ट्रंप ने कहा है कि वे पुतिन से मिलकर युद्ध समाप्त करने का प्रयास करेंगे, हालांकि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की को आमंत्रित करने पर विचार किया जा रहा है। यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी इस बैठक को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि पुतिन ट्रंप को धोखा दे सकते हैं या क्षेत्रीय रियायतें मांग सकते हैं।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि बैठक की तैयारी तेजी से चल रही है, और यूक्रेन को शामिल करने की संभावना पर विचार हो रहा है। अलास्का को बैठक स्थल चुनने के पीछे प्रतीकात्मक महत्व है, क्योंकि रूस ने 1867 में अलास्का को अमेरिका को बेचा था, जो रूसी इतिहास में एक विवादास्पद मुद्दा रहा है।
यह विकास वैश्विक बाजारों और भू-राजनीति पर असर डाल सकता है, क्योंकि युद्ध के समाप्त होने की संभावना से तेल की कीमतों और वैश्विक व्यापार पर प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन की बढ़ती ड्रोन क्षमता रूस को दबाव में ला रही है, लेकिन शांति वार्ता की सफलता अनिश्चित अभी बनी हुई है।
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