Transport : जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देशानुसार ओवरलोडिंग वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा सघन अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) डॉ. उदित नारायण पांडेय ने बताया कि मई 2025 में ओवरलोडिंग के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए 146 ओवरलोड वाहनों को चालान कर बादलपुर और सेक्टर-62 में निरुद्ध किया गया।
Transport :
इस अभियान के दौरान ₹70 लाख 40 हजार का प्रशमन शुल्क वसूल किया गया। अब तक की कार्रवाई में कुल 266 ओवरलोड वाहनों से ₹1 करोड़ 48 लाख का प्रशमन शुल्क वसूला जा चुका है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है।
ओवरलोडिंग के गंभीर नुकसान
डॉ. पांडेय ने ट्रक, मिनी ट्रक चालकों और वाहन मालिकों को आगाह करते हुए बताया कि ओवरलोडिंग से न केवल कानूनी परेशानी हो सकती है, बल्कि यह जानलेवा, आर्थिक, और पर्यावरणीय खतरा भी है। अधिक वजन के कारण वाहन असंतुलित हो जाता है जिससे ब्रेक फेल, टायर फटना या वाहन पलटना जैसी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। ओवरलोडिंग से इंजन, सस्पेंशन, टायर, और ब्रेक पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे मरम्मत का खर्च बढ़ जाता है। अधिक वजन के चलते सड़कों पर गड्ढे और दरारें उत्पन्न होती हैं, जिससे सड़कों की उम्र घटती है और सरकारी धन का अपव्यय होता है। ओवरलोडेड वाहन अधिक ईंधन जलाते हैं जिससे लागत बढ़ती है और प्रदूषण में वृद्धि होती है। मोटर वाहन अधिनियम के तहत ओवरलोडिंग पर ₹20,000 + ₹2,000 प्रति टन का जुर्माना, वाहन जब्ती, लाइसेंस व परमिट रद्द जैसे सख्त प्रावधान हैं। अत्यधिक वजन के कारण वाहन धीरे चलते हैं और जल्दी खराब हो जाते हैं जिससे माल की डिलीवरी में देरी होती है।
Transport :