खाली जमीन पर न हो अवैध कब्जा, इसलिए निगम लगाएं पौधे
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खाली जमीन पर न हो अवैध कब्जा, इसलिए निगम लगाएं पौधे

नगररायुक्त ने शहर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ पर्यावरण सुधार के लिए बैठक कर बनाई रणनीति
Ghaziabad news   शहर की खूबसूरती बढ़ाने और पर्यावरण सुधार के लिए नगर आयुक्त की कार्यशैली बिल्कुल अन्य अधिकारियों से अलग है। नगर निगम के पांचों जोन में अभियान चलाकर कब्जा मुक्त कराई गई जमीन पर नगर आयुक्त ने पौधारोपण करने की तैयारी शुरू कर दी है। नगर आयुक्त की इस कार्रवाई से जहां शहर की खूबसूरती तो बढ़ेगी ही, साथ ही पर्यावरण सुधार में सहयोग मिलेगा। साथ ही उक्त भूमि पर फिर से कोई भी कब्जा भी नहीं कर सकेगा। जमीन कब्जा मुक्त होने के बाद उस पर कोई कार्य न होने की वजह से माफिया फिर से जमीन पर कब्जा कर लेते है। मगर अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा।
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सोमवार को अपने कार्यालय में अपर नगर आयुक्त एवं वरिष्ठ प्रभारी संपत्ति अरुण कुमार यादव, सहायक नगर आयुक्त एवं प्रभारी संपत्ति पल्लवी सिंह, उद्यान प्रभारी डॉक्टर अनुज कुमार सिंह के साथ बैठक कर पौधारोपण अभियान को तेजी करने के निर्देश दिए।
नगर निगम के पांचों जोन में संपत्ति विभाग ने कार्रवाई करते हुए करीब 247 करोड़ की 8.2374 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराया है। नगर आयुक्त ने संबंधित टीम से वार्ता करते हुए खाली पड़ी भूमि पर अधिक से अधिक पौधारोपण करने के निर्देश दिए है।
नगर आयुक्त ने बताया कि संपत्ति विभाग द्वारा लगभग पिछले आठ माह में 8 हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जा मुक्त कराया है। जो की 247 करोड़ 80 लाख की भूमि है। जन सहयोग से सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है। पर्यावरण सुधार को लेकर नगर निगम वृहद स्तर पर अभियान के रूप में कार्य कर रहा है। इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए खाली पड़ी भूमि पर अधिक से अधिक पौधारोपण का कार्य कराया जाएगा।
अधिक पौधारोपण होने से पर्यावरण में होगा सुधार
आवश्यकता अनुसार भूमि का चयन कर कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए निर्देश अपर नगर आयुक्त और उद्यान प्रभारी को दिए। जुलाई माह के पहले सप्ताह से पौधारोपण वृहद स्तर पर किए जाने के लिए अभी से कार्रवाई शुरू करने की योजना बनाई गई। नगर आयुक्त द्वारा प्लांटेशन की आगामी योजना बनाते हुए संपत्ति प्रभारी एवं उद्यान प्रभारी को अर्थला में स्थित निगम की भूमि को कब्जा मुक्त करने के निर्देश दिए। जिसमें लगभग 10 एकड़ की भूमि पर मियावाकी पद्धति से पौधरोपण का कार्य कराया जाएगा। जिसका खसरा नंबर 1833 से इसको कब्जा मुक्त करते हुए सीएसआर एक्टिविटी के तहत प्लांटेशन का कार्य कराया जाएगा। जिसका लाभ शहर वासियों को प्राप्त होगा, बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम होगी। अधिक पौधारोपण होने से पर्यावरण में भी सुधार होगा।

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