आवंटियों को बड़ी राहत दे रहा है पोर्टल:वीसी 

‘पहल पोर्टल’ बना डिजिटल क्रांति का आधार, घर बैठे मिल रही सुविधाएं
ghaziabad news  जीडीए का ‘पहल पोर्टल’ नित्य नए आयाम स्थापित कर रहा है। उपाध्यक्ष अतुल वत्स के दिशा-निर्देशन में संचालित यह पोर्टल आवंटियों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आया है।
वीसी ने कहा कि अब आवंटी बिना कार्यालय आए, घर बैठे संशोधन से लेकर किश्तों के भुगतान, रजिस्ट्री स्लॉट बुकिंग जैसी तमाम सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। पहल पोर्टल आवंटियों के लिए बड़ी राहत दे रहा है।
खास बात यह है कि हाल ही में 65 आवंटियों ने इस पोर्टल के माध्यम से आॅटो करेक्शन सुविधा का लाभ उठाया है, जबकि कुल 76 आवेदनों में से 4 आवेदन निरस्त किए गए और 7 लंबित हैं। यह सुविधा खास तौर पर उन आवंटियों के लिए उपयोगी साबित हो रही है जिन्हें मामूली सुधारों के लिए प्राधिकरण के चक्कर काटने पड़ते थे। ‘पहल पोर्टल’ के माध्यम से अब तक 7,452 आवंटी जुड़ चुके हैं। वहीं, 33,081 आवंटियों ने अपनी निकटतम बैंक शाखाओं के माध्यम से लगभग-100 करोड़ से अधिक की राशि जीडीए कोष में जमा कराई है। यह पोर्टल जीडीए की 10 प्रमुख योजनाओं से जुड़ा हुआ है जिनमें मधुबन बापूधाम, इंदिरापुरम, स्वर्ण जयंतीपुरम, प्रताप विहार, वैषाली, कोयल एन्क्लेव, इंद्रप्रस्थ, गोविंदपुरम, कपूर्रीपुरम और चंद्रशिला शामिल हैं।
इस पोर्टल की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह चालान जनरेट कर किस्तों के आॅनलाइन भुगतान, नो ड्यूज सर्टिफिकेट, रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुकिंग, आॅटो करेक्शन, म्यूटेशन, और आवंटन पत्र की मेल द्वारा प्राप्ति जैसी सुविधाएं एक ही मंच पर प्रदान कर रहा है। आवंटी को न केवल यह जानकारी तत्काल मिल रही है कि अगली किस्त कब और कितनी देनी है, बल्कि उनकी फाइल की स्थिति पर भी नजर बनी रहती है।
क्या कहते हैं जीडीए के अपर सचिव
अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह के अनुसार, पहले आवंटियों को मामूली संशोधनों के लिए भी प्राधिकरण कार्यालय के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की हानि होती थी। अब पोर्टल के माध्यम से यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी और सहज बना दी गई है।

 

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