किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने ममता कुलकर्णी पर साधा निशाना: दाऊद को क्लीन चिट देने पर क्यो नहीं चला देशद्रोह का मामला

Kinnar Akhara vs. Mamta Kulkarni News: बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गई हैं। गोरखपुर में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर दिए गए उनके कथित बयान पर किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे देशद्रोह करार दिया है। अजय दास ने स्पष्ट किया कि ममता कुलकर्णी और किन्नर अखाड़े की पूर्व आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (जिन्हें ‘420’ भी कहा जाता है) दोनों को पहले ही अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने दोनों पर भगवा वस्त्र का अपमान करने का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

ममता कुलकर्णी, जो अब साध्वी यमाई ममता नंद गिरी के नाम से जानी जाती हैं, हाल ही में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर पहुंची थीं।

छठ महापर्व के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने दाऊद इब्राहिम के बारे में कहा, “उसने देश के अंदर कोई बम ब्लास्ट या एंटी-नेशनल चीजें नहीं कीं। वह आतंकी नहीं है।” यह बयान वायरल होते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में आग की तरह फैल गया। ममता का नाम पहले भी अंडरवर्ल्ड के साथ जुड़ चुका है, खासकर गैंगस्टर छोटा राजन के करीबी विक्की गोस्वामी से उनके कथित संबंधों के कारण। 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में दाऊद की केंद्रीय भूमिका को देखते हुए यह बयान बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।

इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने उज्जैन से जारी बयान में कहा, “ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भगवा का नकली चोला पहना रखा है। इनका निष्कासन पहले ही हो चुका है, लेकिन अब इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। दाऊद जैसे आतंकी को क्लीन चिट देना खुला देशद्रोह है।” अजय दास ने किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी के हवाले से सवाल उठाया कि क्या ममता दाऊद की कठपुतली हैं? उन्होंने इसकी जांच की मांग भी की है।

याद रहे कि ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े से जुड़ाव 2025 के प्रयागराज महाकुंभ से शुरू हुआ था। जनवरी में उन्हें अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया, लेकिन यह फैसला ही विवाद का बीज बन गया। कई साधु-संतों ने आपत्ति जताई कि एक साधारण स्त्री को किन्नर अखाड़े का यह पद देना परंपराओं के खिलाफ है। ममता को महामंडलेश्वर बनाने वाली लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर भी आरोप लगे कि उन्होंने बिना संस्थापक की सहमति के यह कदम उठाया। फरवरी में अजय दास ने दोनों को निष्कासित कर दिया। ममता ने पद से इस्तीफा दिया, लेकिन बाद में लक्ष्मी त्रिपाठी के कहने पर इसे वापस ले लिया।

हालांकि, अखाड़े में फूट गहरा गई, और हिमांगी सखी ने लक्ष्मी पर अखाड़े में मांस-मदिरा का सेवन और अश्लील गतिविधियों के आरोप लगाए।
ममता ने दाऊद वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका इशारा विक्की गोस्वामी की ओर था, न कि दाऊद का। उन्होंने जोर देकर कहा, “दाऊद से मेरा कभी कोई लेना-देना नहीं रहा। मैं 25 साल से साध्वी हूं और अध्यात्म के रास्ते पर हूं।” लेकिन यह सफाई विवाद को शांत करने में नाकाम रही। राजनीतिक दलों ने भी ममता के बयान की निंदा की है, जबकि कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सनातन धर्म की छवि खराब करने का प्रयास बताया।

किन्नर अखाड़ा, जो 2019 के कुंभ से सुर्खियों में आया, समाज के तीसरे लिंग को धार्मिक मंच देने का प्रयास करता है। लेकिन आंतरिक कलह ने इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे विवाद अखाड़े की एकजुटता को कमजोर करते हैं। फिलहाल, ममता कुलकर्णी की इस टिप्पणी से जुड़ी जांच की मांग तेज हो गई है, और केंद्रीय एजेंसियों की नजर इस पर पड़ सकती है।

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