Sydney Bondi Beach terror attack: पिता-पुत्र साजिद और नवीद अकरम, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दोनों को ISIS से प्रेरित बताया

Sydney Bondi Beach terror attack: सिडनी के प्रसिद्ध बोंडी बीच पर 14 दिसंबर 2025 को हनुक्का (यहूदी त्योहार) उत्सव के दौरान हुए आतंकी हमले में 15 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया (ABC न्यूज़, द गार्डियन, 9न्यूज़, सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड आदि) ने हमलावरों की पहचान 50 वर्षीय साजिद अकरम और उनके 24 वर्षीय बेटे नवीद अकरम के रूप में की है। यह हमला इस्लामिक स्टेट (ISIS) की विचारधारा से प्रेरित बताया जा रहा है, और इसे ऑस्ट्रेलिया का सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।
हमलावरों के बारे में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में क्या कहा जा रहा है?
• साजिद अकरम (50 वर्ष): मूल रूप से भारत के हैदराबाद के रहने वाले। 1998 में स्टूडेंट वीज़ा पर ऑस्ट्रेलिया आए। भारतीय पासपोर्ट धारक थे। वैध फायरआर्म लाइसेंस रखते थे और छह हथियार उनके नाम पर रजिस्टर्ड थे। हमले के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए। मीडिया रिपोर्ट्स में उन्हें फ्रूट शॉप चलाने वाला बताया गया है। भारत में उनके परिवार ने उनकी कट्टरता के बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है।
• नवीद अकरम (24 वर्ष): ऑस्ट्रेलिया में जन्मे नागरिक। ब्रिकलेयर (ईंट लगाने वाला मजदूर) का काम करते थे। 2019 में ASIO (ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी) ने उन्हें सिडनी के ISIS से जुड़े नेटवर्क से संबंधों के कारण जांचा था, लेकिन कोई खतरा नहीं पाया गया। वह कट्टर इस्लामी उपदेशक विसाम हदाद के अनुयायी थे। हमले में घायल हुए और अस्पताल में पुलिस हिरासत में हैं। उन पर 59 आरोप लगाए गए हैं, जिनमें आतंकवादी कृत्य और 15 हत्याएं शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दोनों को ISIS से प्रेरित बताया है। उनकी कार से ISIS के झंडे मिले। हमले से एक महीने पहले दोनों फिलीपींस गए थे, जहां सुरक्षा सूत्रों के अनुसार उन्होंने “मिलिट्री-स्टाइल ट्रेनिंग” ली। फिलीपींस में ISIS से जुड़े ग्रुप सक्रिय हैं।

हमले की मुख्य बातें
• हमला हनुक्का उत्सव पर लक्षित था, जिसे यहूदी-विरोधी आतंकवाद कहा जा रहा है।
• पीड़ितों में 10 साल की बच्ची, होलोकॉस्ट सर्वाइवर, रब्बी और आम नागरिक शामिल।
• कुछ नागरिकों ने बहादुरी दिखाई, जैसे अहमद अल अहमद ने एक हमलावर से बंदूक छीनी।
• प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने इसे “शुद्ध बुराई” और “यहूदी-विरोधी आतंकवाद” बताया। बंदूक कानूनों में सख्ती की घोषणा की गई।

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया इस घटना को देश के लिए सदमा बताते हुए कट्टरता, बंदूक कानूनों और खुफिया विफलताओं पर सवाल उठा रहा है। जांच जारी है, और समुदाय में शोक की लहर है।

यहां से शेयर करें