हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की ओर से दिल्ली एनसीआर के 2 दर्जन से अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन और पैदल मार्च निकाला गया। कई स्थानों पर पुतले भी फूंके गए। इस सब पर समाजवादी पार्टी के नोएडा महानगर अध्यक्ष डॉ आश्रय गुप्ता ने कई बड़े सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने त्योहारों और अलग-अलग आयोजनों एवं शांति व्यवस्था के संबंध में जिले भर में धारा 144 लागू की हुई है। तो मेरा पुलिस से सीधे सवाल है कि धारा 144 में कई सौ लोगों को एक साथ एकत्र होने की अनुमति कैसे दे दी गई? इतना ही नहीं नोएडा स्टेडियम से डीएम आवास तक किए गए।
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पैदल मार्च में पुलिस के अफसर भी शामिल थे। क्या धारा 144 केवल आम व्यक्ति और विपक्ष के लिए ही है? डॉ आश्रय गुप्ता ने सवाल उठाया कि अलग-अलग मीडिया के माध्यम से उन्होंने देखा कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेता और कार्यकर्ताओं ने पुतले जलाए हैं। आखिर यह पुतले किसके हैं क्योंकि हरियाणा में सरकार भाजपा की है। हमेशा लोग विरोध के चलते सरकार का पुतला जलाते हैं। यह तो नई परंपरा है, ना जाने नेता और कार्यकर्ताओं ने यह किस का पुतला जलाया है।
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उन्हें विरोध प्रदर्शन करने की बजाय भाजपा सरकार से पूछना चाहिए था कि पुलिस क्या कर रही थी और प्रशासन क्या कर रहा था। लेकिन देखेगे केवल कानून को ठेंगा दिखाने के लिए ही यह विरोध प्रदर्शन किया गया है। जिले भर में जब पुलिस ने धारा 144 लागू की हुई है तो पुलिस का दायित्व बनता है कि इस तरह के जुलूस को रोके। उन्होंने यूपी की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और कहा कि जिला गौतम बुध नगर में कमिश्नरेट इसलिए बनाया गया की कानून व्यवस्था को मजबूत किया जा सके, लेकिन यह सबके सामने है कि धारा 144 लागू होने के बाद भी सैकड़ों लोग एकत्र हो रहे हैं। वह भी नारे लगाते हुए हाथ में झंडे लिए थे।