जत्थे के साथ गईं, लेकिन लौटीं नहीं
सरबजीत कौर अमानीपुर गांव (पोस्ट ऑफिस टिब्बा, थाना तलवंडी चौधरियां) की रहने वाली हैं। वह दो बेटों की मां हैं और उनका पूर्व पति करनैल सिंह करीब 20 साल से इंग्लैंड में रह रहे हैं। तलाक के बाद सरबजीत अपने बेटों के साथ अमानीपुर में ही रह रही थीं। 13 नवंबर को जत्था भारत लौटा, लेकिन सरबजीत गायब थीं। इमिग्रेशन अधिकारियों ने तुरंत पंजाब पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट हो गईं। जांच में पता चला कि सरबजीत ने पाकिस्तानी इमिग्रेशन फॉर्म में अपनी नागरिकता और पासपोर्ट नंबर के कॉलम खाली छोड़ दिए थे, जिससे संदेह गहरा गया।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, सरबजीत 5 नवंबर को ही नासिर हुसैन के साथ निकाह कर चुकी थीं। एक वायरल निकाहनामा (इस्लामी विवाह अनुबंध) में साफ लिखा है कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया और 10,000 रुपये महर की राशि प्राप्त की। सोशल मीडिया पर एक 18 सेकंड का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें सरबजीत निकाह कबूलते हुए कहती नजर आ रही हैं, “मैं नासिर हुसैन से 9 साल से प्यार करती हूं। यह सब मेरी मर्जी से हो रहा है।” एक अन्य वीडियो में शेखूपुरा के मजिस्ट्रेट शहबाज हसन राना के समक्ष उन्होंने दोहराया कि कोई दबाव नहीं था।
पहले से प्लानिंग?
निकाह करवाने वाले पाकिस्तानी वकील अहमद हसन पाशा ने बताया कि नासिर कई दिन पहले उनके पास पहुंचे थे और कहा था, “मेरी एक भारतीय दोस्त को पाकिस्तान में शरण और निकाह की जरूरत है।” फीस जमा कर नासिर चले गए। 5 नवंबर को सरबजीत नासिर के साथ वकील के चैंबर पहुंचीं।
वकील ने कहा, “निकाह के लिए पहले धर्म परिवर्तन जरूरी है।” सरबजीत ने तुरंत सहमति दे दी। मौलवी बुलाकर निकाह संपन्न कराया गया। वकील के मुताबिक, सरबजीत ने सारे दस्तावेज पहले से तैयार रखे थे और गहने भी साथ लाए थे। नासिर ढिल्लों नामक पाकिस्तानी यूट्यूबर ने भी जत्थे का स्वागत किया था, जो पहले जासूसी के आरोप में गिरफ्तार भारतीय महिला ज्योति मल्होत्रा का इंटरव्यू ले चुके हैं।
आपराधिक अतीत
भारतीय जांच एजेंसियों को सरबजीत का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड मिला है। सुल्तानपुर लोधी में उनके खिलाफ 10 से अधिक केस दर्ज हैं, जिनमें नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त, वेश्यावृत्ति, धोखाधड़ी और ब्लैकमेल जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। हालांकि, कई मामलों में वह बरी हो चुकी हैं। उनके बेटों पर भी एनडीपीएस एक्ट के तहत केस हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरबजीत गांव में अलग-थलग रहती थीं और आलीशान कोठी में रहने के बावजूद किसी से ज्यादा मेलजोल नहीं रखती थीं। उनके परिवार ने पाकिस्तान जाने की योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
अदालत का हस्तक्षेप
18 नवंबर को सरबजीत और नासिर ने लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि पुलिस ने उनके घर पर अवैध छापा मारा और शादी तोड़ने का दबाव डाला। जस्टिस फारूक हैदर ने पुलिस को सख्त चेतावनी दी कि दंपति को अब कोई परेशानी न दी जाए। सरबजीत ने अदालत में कहा कि वह पाकिस्तानी नागरिकता के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क कर रही हैं। पाकिस्तानी अधिकारी अभी तय कर रहे हैं कि उन्हें पाकिस्तान में रहने दिया जाए या भारत भेजा जाए।
अकेली महिलाओं पर रोक
इस घटना से नाराज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने ऐलान किया है कि अब पाकिस्तान जाने वाली अकेली महिलाओं के वीजा आवेदनों पर सख्त जांच होगी। SGPC महासचिव ने कहा, “यह न सिर्फ परिवार और जिले की बदनामी है, बल्कि पूरे पंजाब की छवि खराब हुई है।” सिख संगठनों ने पारदर्शी जांच की मांग की है, जबकि अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह ललपुरा ने इसे “अपहरण” करार दिया।
कपूरथला एसएसपी गौरव तूरा ने बताया कि पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर जांच कर रही है। सरबजीत के बेटों से पूछताछ हुई, लेकिन उन्होंने मां के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला भारत-पाकिस्तान संबंधों में नया तनाव पैदा कर सकता है, खासकर जब सोशल मीडिया पर “लव जिहाद” जैसे आरोप लग रहे हैं।
सरबजीत का परिवार अभी भी चुप्पी साधे है, लेकिन गांव में चर्चाएं जोरों पर हैं। क्या यह प्यार की जीत है या साजिश? जांच जारी है।

