मंजाकोट ब्लॉक में हाल ही में पूरी हुई 3 किलोमीटर लंबी सड़क राजौरी मुख्यालय को सीधे जोड़ती है, जो हाईवे 144A के अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य राजौरी-पुंछ के बीच यात्रा समय को कम करना और सड़क को चार लेन में बदलना है। इसके अलावा, बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) द्वारा पैकेज-6 के तहत कल्कर से धारी धारा तक की सड़क का निर्माण तेजी से चल रहा है। 8 दिसंबर को BRO ने राजौरी में भवानी सेतु पुल का उद्घाटन किया, जिससे भवानी, कलसियान और झांघर की तीन पंचायतों के निवासियों को फायदा पहुंचा है। इस पुल और सड़क से यात्रा का समय काफी घट गया है।
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) योजना के तहत कलाकोट उपमंडल के पट्टा-घोदर और अरास गांवों तक सड़कें बिछाई गई हैं, जिनकी कुल लागत 2.48 करोड़ रुपये है। इसमें पटाचुई बाबली से पिर मल्ला घोदाद तक मिडिल स्कूल पाटा होकर गुजरने वाली 3 किलोमीटर सड़क शामिल है, जहां 50 एमएम बिटुमिनस मैकाडम (BM) और 30 एमएम प्रीमियर कोट (PC) की परतें बिछाई गई हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत कलाकोट से सुहोट तक की सड़क पर 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जो मार्च 2026 तक समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा, मुगला और कलाकोट में दो-दो अन्य सड़क परियोजनाएं स्वीकृत हैं।
स्थानीय ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही है। साइट इंचार्ज सद्दाम हुसैन ने बताया, “यह प्रोजेक्ट 2023 में शुरू हुआ था और कुल 3.02 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया। हम रोजाना कड़ी निगरानी रखते हैं ताकि गुणवत्ता पर कोई समझौता न हो।” वहीं, स्थानीय लंबरदार मोहम्मद जावेद ने उत्साह से कहा, “पहले बारिश होते ही रास्ते बंद हो जाते थे, बच्चे स्कूल नहीं जा पाते थे। अब बस उनके दरवाजे तक पहुंच रही है। ऑपरेशन सिंदूर जैसी वजहों से थोड़ी देरी हुई, लेकिन अब इलाका तरक्की की राह पर है। दुकानें खुल रही हैं, और मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।”
इन सड़कों से 5-6 दुर्गम गांवों को तहसील और जिला मुख्यालय से जोड़ा गया है, जो पहले घोड़ों या पैदल यात्रा पर निर्भर थे। ग्रामीणों का कहना है कि इमरजेंसी में अब एम्बुलेंस आसानी से पहुंच सकेगी, जिससे जानें बचाई जा सकेंगी। शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांति आएगी, क्योंकि बच्चे अब घंटों पैदल न चलकर स्कूल जा सकेंगे। आर्थिक रूप से भी फायदा होगा, क्योंकि बाजारों तक पहुंच आसान हो जाएगी।
मोदी सरकार की इन पहलों पर ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। एक ग्रामीण ने कहा, “भारत चांद तक पहुंच गया, लेकिन हमारे गांव आजादी के बाद पहली बार सड़क से जुड़े। यह विकास की नई सुबह है।” राजौरी जैसे सीमावर्ती जिलों में ऐसी परियोजनाएं न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी, बल्कि LoC पर शांति और स्थिरता को भी बढ़ावा देंगी।

