Muzaffarpur/Bihar News: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान मुजफ्फरपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर बहुजन समाज की आवाज दबाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सच दिखाने और बोलने वालों को धमकियां दी जा रही हैं और उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने स्थानीय यू-ट्यूबरों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना, साथ ही उन्हें दिल्ली बुलाकर मदद करने का आश्वासन दिया।
राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वे मुजफ्फरपुर के यू-ट्यूबरों के साथ बातचीत करते नजर आ रहे हैं। इस संवाद में यू-ट्यूबरों ने अपनी चुनौतियों, खासकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बढ़ते दबाव और कानूनी कार्रवाइयों का जिक्र किया। राहुल ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और कहा, “हम 90 प्रतिशत लोगों की आवाज के साथ खड़े हैं। सच बताने वाले लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों की आवाज उठाने पर उनके खिलाफ झूठे मुकदमे लादे जा रहे हैं, लेकिन हम उनकी आवाज को दबने नहीं देंगे।”
वोटर अधिकार यात्रा और बिहार चुनाव 2025
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ बिहार में 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और यह 1 सितंबर को पटना में एक बड़ी रैली के साथ समाप्त हुई। यह यात्रा बिहार के 23 जिलों से होकर गुजर रही है और इसका उद्देश्य ‘वोट चोरी’ के खिलाफ जागरूकता फैलाना और दलित, पिछड़े, और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना है। इस यात्रा में इंडिया गठबंधन के कई नेता, जिसमें राजद नेता तेजस्वी यादव भी शामिल हुए, राहुल गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे।
राहुल ने अपनी सभाओं में बार-बार आरोप लगाया कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर वोटर लिस्ट में हेराफेरी कर रहे हैं, जिससे गरीब, दलित, और अल्पसंख्यक समुदायों के वोट काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “वोट आपकी पहचान और नागरिकता का आधार है। अगर वोट चोरी हुआ तो आपकी सारी ताकत छिन जाएगी।”
यू-ट्यूबरों के साथ संवाद
मुजफ्फरपुर में राहुल गांधी ने यू-ट्यूबरों के साथ खुलकर बात की और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सच बोलने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। राहुल ने यू-ट्यूबरों को भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज को दबने नहीं दिया जाएगा और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए वे दिल्ली में उनसे मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें राहुल गांधी का जनता से सीधा जुड़ाव साफ नजर आ रहा है।
विपक्ष की एकजुटता और बीजेपी पर हमला
राहुल गांधी की इस यात्रा को बिहार में विपक्ष की एकजुटता का मजबूत संदेश माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस अभियान का समर्थन किया है। राहुल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार वोट चोरी के जरिए सत्ता में बने रहना चाहती है, लेकिन जनता अब जाग चुकी है। उन्होंने अपने एक एक्स पोस्ट में लिखा, “बीजेपी के नेता बेकाबू होकर उछल रहे हैं क्योंकि उनकी चोरी रंगे हाथ पकड़ी गई है। हिंदुस्तान अब वोट-चोरों को पहचान चुका है।”
विवाद और चुनौतियां
हालांकि, यात्रा के दौरान दरभंगा में एक विवादास्पद घटना ने भी सुर्खियां बटोरीं, जब मंच से पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई। इस घटना के बाद बीजेपी ने पटना और बेगूसराय में कांग्रेस कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया, और मुजफ्फरपुर कोर्ट में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के खिलाफ परिवाद भी दायर किया गया। राहुल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सत्य और अहिंसा के आगे असत्य और हिंसा टिक नहीं सकती। हम सत्य और संविधान की रक्षा करते रहेंगे।”
आगे की राह
बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की यह यात्रा कांग्रेस को दलित, पिछड़े, और अल्पसंख्यक वोटरों के बीच मजबूत करने की कोशिश है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा बिहार में कांग्रेस के 35 साल के सियासी सूखे को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
राहुल गांधी की यह सक्रियता और जनता से सीधा जुड़ाव बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर रहा है। अब देखना यह है कि उनकी यह रणनीति आगामी चुनाव में कितना रंग लाती है।

