पंजाब की दिवाली बंपर लॉटरी में 11 करोड़ का जैकपॉट: राजस्थान के रेहड़ी वाले की बदली किस्मत, उधार लेकर भागते हुए पहुंचा चंडीगढ़

Punjab Diwali Bumper Lottery Wins 11 Crore Jackpot News: किस्मत का खेल अनोखा होता है। कभी-कभी एक साधारण टिकट जीवन बदल देता है। ऐसा ही चमत्कार हुआ राजस्थान के एक रेहड़ी-पटरी वाले सब्जी विक्रेता के साथ, जिसने पंजाब राज्य की दिवाली बंपर लॉटरी में 11 करोड़ रुपये का पहला इनाम जीत लिया। यह टिकट बठिंडा के एक लोकप्रिय लॉटरी स्टॉल से खरीदा गया था, लेकिन विजेता राजस्थान का रहने वाला निकला। खबरों के मुताबिक, यह शख्स अपनी रेहड़ी पर सब्जियां बेचने का काम करता है और लॉटरी की जीत की सूचना मिलने के बाद किराए के पैसे उधार लेकर चंडीगढ़ पहुंचा, जहां लॉटरी विभाग ने औपचारिकताएं पूरी कीं।

किस्मत ने कैसे पलटा खेल?
पंजाब राज्य लॉटरी विभाग द्वारा आयोजित ‘डियर दिवाली बंपर लॉटरी 2025’ का ड्रॉ 31 अक्टूबर को लुधियाना में शाम 8 बजे निकाला गया था। इस लॉटरी में कुल 18 लाख 84 हजार 939 टिकट बिके थे, जिनकी कीमत मात्र 500 रुपये प्रति टिकट थी। कुल इनामी राशि 36 करोड़ 14 लाख 78 हजार रुपये की थी, जिसमें पहला ‘किंग टिकट’ 11 करोड़ रुपये का था। विजेता टिकट का नंबर A 438586 आया, जो बठिंडा के उमेश कुमार की एजेंसी से बिका था।

खबरों के अनुसार, विजेता का नाम अभी गोपनीय रखा गया है, लेकिन स्रोतों से पता चला है कि वह राजस्थान के जयपुर या आसपास के इलाके का निवासी है। वह पंजाब में रहते हुए या यात्रा के दौरान बठिंडा आया था और संयोग से इस लॉटरी टिकट को खरीद लिया। रिजल्ट आने के बाद जब स्थानीय मीडिया और एजेंसी वाले विजेता की तलाश में जुटे, तो कई दिनों तक कोई सुराग नहीं मिला। कुछ लोग मजाक में कह रहे थे कि शायद विजेता को खुद पता ही नहीं चला कि उसकी किस्मत खुल गई है। लेकिन आखिरकार, विजेता ने संपर्क किया।

एजेंसी मालिक उमेश कुमार ने बताया, “रिजल्ट घोषित होते ही हम उत्साहित हो गए। हमारी दुकान से बिकी टिकट पर इतना बड़ा जैकपॉट! लेकिन विजेता गायब था। अब जब वह आया, तो पता चला कि वह राजस्थान से है और रोजगार के सिलसिले में पंजाब आता-जाता रहता है।” विजेता ने खुलासा किया कि वह राजस्थान में एक छोटी रेहड़ी पर सब्जियां बेचता है। दैनिक कमाई मुश्किल से 500-700 रुपये होती है, और परिवार का भरण-पोषण उसी से चलता है। लॉटरी टिकट खरीदना उसके लिए एक छोटा-सा जुआ था, जो अब करोड़ों की खुशी लेकर आया।

उधार के किराए पर चंडीगढ़ की यात्रा
जीत की पुष्टि होते ही विजेता के सामने सबसे बड़ी समस्या थी यात्रा का खर्च। राजस्थान से चंडीगढ़ का सफर महंगा पड़ता, और उसके पास तुरंत पैसे नहीं थे। सूत्रो के हवाले से बताया गया कि उसने पड़ोसियों और रिश्तेदारों से किराए के पैसे उधार लिए। बस का टिकट खरीदकर वह चंडीगढ़ पहुंचा, जहां पंजाब स्टेट लॉटरी निदेशालय में दावा पेश किया। विभाग के अधिकारियों ने टिकट की जांच की, जो पूरी तरह वैध पाई गई। अब राशि के हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है।

लॉटरी विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हम हर साल ऐसे कई चमत्कार देखते हैं। यह विजेता गरीबी रेखा से नीचे जीवन जी रहा था, लेकिन अब उसका परिवार सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ेगा। जीती राशि पर 30% स्रोत पर कर (TDS) और अन्य टैक्स कटेंगे, लेकिन शुद्ध राशि भी करोड़ों में होगी।” क्लेम करने की समय सीमा 30 दिन है, जो विजेता ने आसानी से पूरी कर ली।

अन्य विजेताओं की कहानियां: खुशियों की बौछार
इस लॉटरी ने न सिर्फ एक, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी संवारी। उदाहरण के तौर पर, लुधियाना के घंटाघर चौक से बिकी एक टिकट पर 1 करोड़ रुपये का इनाम 11 साल के आरव नाम के बच्चे के नाम आया। उसके पिता करण ने बताया कि बच्चे की जिद पर पांच टिकटें खरीदीं थीं, और उनमें से एक ने किस्मत खोल दी। परिवार ने मिठाइयां बांटीं और भांगड़ा किया। इसी तरह, होशियारपुर के एक डीलर को भी 1 करोड़ मिला। कुल मिलाकर, छोटे-बड़े 7000 से 11 करोड़ तक के इनाम वितरित हुए।

भविष्य की योजनाएं: सपनों का पीछा
विजेता ने मीडिया से बातचीत में कहा, “अब रेहड़ी का काम छोड़ दूंगा। परिवार को अच्छा घर, बच्चों की पढ़ाई और जरूरतमंदों की मदद करूंगा।” यह जीत राजस्थान और पंजाब के बीच एक अनोखा पुल साबित हुई, जहां एक सीमांत जीवन रातोंरात बदल गया। लॉटरी विभाग ने चेतावनी दी कि फर्जी मैसेजों से सावधान रहें और केवल अधिकृत विक्रेताओं से टिकट खरीदें।

पंजाब सरकार की यह लॉटरी स्कीम हर साल त्योहारों पर लाखों लोगों को उम्मीद की किरण देती है। अगली न्यू ईयर बंपर लॉटरी 2026 का इंतजार शुरू हो चुका है। कौन जानता है, अगली बार किसकी किस्मत चमके!

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